Manipur Crisis: नाज़ुक हो चले है मणिपुर के हालात, इन वजहों से फैली हिंसा

न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): Manipur Crisis: मणिपुर में बीते 26 दिनों से अशांति और अराजकता का माहौल है। 3 मई से आरक्षण के मुद्दे पर दो समुदायों के बीच लगातार तीखी झड़पें हो रही हैं। अब इस विवाद में आतंकी संगठन भी कूद गये हैं। मणिपुर में ये हथियारबंद जातीय संघर्ष कूकी और मैतेई समुदायों के बीच है। कूकी समुदाय (Kuki Community) पहाड़ी इलाकों में रहता है, जबकि मैतेई समुदाय (Meitei Community) तलहटी में रहता है। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने को लेकर कूकी समुदाय खासा मुखर रहा है, जिसकी वज़ह से दोनों समुदायों के बीच विवाद है।

कूकी समुदाय का मानना है कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इस विवाद को लेकर 3 मई को मणिपुर के चुराचांदपुर (Churachandpur) में भारी विरोध प्रदर्शन किया गया था। तब से राज्य में लगातार हिंसा का दौर देखा जा रहा है। हिंसा प्रभावित इलाकों से 40,000 से ज्यादा लोग भाग चुके हैं और अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे राज्य में 31 मई तक इंटरनेट पर रोक लगा दी गयी है और कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

इसके अलावा भारतीय सेना और असम राइफल्स (Indian Army and Assam Rifles) के 10,000 सैनिकों को राज्य भर में तैनात किया गया है। साथ ही सीआरपीएफ और बीएसएफ (CRPF and BSF) के 7 हजार जवानों को भी मुस्तैदी के साथ तैनात किया गया है। इस दौरान हुई मुठभेड़ में हिंसा में शामिल करीब 40 उग्रवादियों का सफाया कर दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) के मुताबिक, ये आतंकवादी एम-16, एके 47 और स्नाइपर गन से आम लोगों को निशाना बना रहे थे।

मणिपुर में हो रही ये हिंसा सिर्फ आरक्षण का मुद्दा नहीं है। इस मामले ने निश्चित रूप से दो समुदायों के बीच हिंसा की आग पैदा कर दी है। लेकिन कुछ अन्य मुद्दे भी हैं जिनकी वज़ह से राज्य में हिंसा देखी जा रही है। ये मुद्दे हैं- आरक्षण, धर्म, जमीन, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और अफीम की खेती।

इसी साल 27 मार्च को मणिपुर हाईकोर्ट (Manipur High Court) ने कहा था कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाये और उन्हें इस श्रेणी में आरक्षण का लाभ भी दिया जाये। इसके बाद से सूबे में एसटी वर्ग से ताल्लुक रखने वाले नागा (Naga) और कूकी समुदाय में कहासुनी हो गयी। ये लोग आरक्षण का फायदा मैतेई समुदाय के साथ साझा नहीं करना चाहते थे, ये भी मणिपुर हिंसा की एक बड़ी वजह है।

बता दे कि इसी क्रम में गृहमंत्री अमित शाह और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Army Chief General Manoj Pandey) मणिपुर में ज़मीनी हालातों पर नज़र बनाये रखने के लिये वहां डटे हुए है। गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) एक जून तक मणिपुर में रहेगें साथ ही हालातों के मद्देनज़र अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करेगें। वहीं दूसरी ओर नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू (President Daupadi Murmu) से आज (30 मई 2023) मुलाकात करने वाला है।

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