गिरफ्तारी से बचे Imran Khan, इन मामलों में है नामजद

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और विवादास्पद शख्सियत इमरान खान (Imran Khan) बड़ी कानूनी मुसीबत में फंस गये हैं क्योंकि पाकिस्तान पुलिस (Pakistan Police) उन्हें गिरफ्तार करने के लिये उनके घर पहुंची, आखिरकर पुलिस उन्हें खोजने में नाकाम रही और जिससे बड़ी भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी।

पाकिस्तान के 70 वर्षीय पूर्व पीएम पर गिरफ्तारी से बचने का आरोप लगाया गया है, और पुलिस अधीक्षक खान के कमरे में भी गये, लेकिन उन्हें घर के अंदर नहीं पाया गया। इस बीच सरकार के खिलाफ रैली करते हुए इमरान खान के घर को उनके सैकड़ों समर्थकों ने घेर लिया।

इस्लामाबाद (Islamabad) पुलिस ने रविवार को ट्वीट किया, ‘अदालत के आदेशों का पालन करते हुए इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिये इस्लामाबाद पुलिस की टीम लाहौर (Lahore) पहुंची। इमरान खान आत्मसमर्पण करने से हिचक रहे हैं। पुलिस अधीक्षक कमरे में गये लेकिन इमरान खान वहां मौजूद नहीं थे।

ये प्रकरण ऐसे हालातों में सामने आ रहा है, जब इमरान खान भ्रष्टाचार से लेकर आतंकवाद के आरोपों तक कई मामलों में उलझे हुए हैं, पूर्व प्रधान मंत्री ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से इनकार किया।

इस वज़ह से जारी हुआ है Imran Khan के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

मौजूद वक्त में पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के खिलाफ 70 मामले लंबित हैं, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार, आतंकवाद और राष्ट्र विरोधी गतिविधि से जुड़े हुए आरोप लगे हैं। उन पर हाल ही में विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की ओर से पाकिस्तान लाये गये उपहारों को खरीदने और बेचने का आरोप था, जिससे उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे।

इसके अलावा इमरान खान पर पिछले साल इस्लामाबाद में हुई एक सार्वजनिक रैली में पुलिस अधिकारियों और महिला जज के खिलाफ काफी तल्ख बयान दिये थे, जिसकी वजह से उन पर “आतंकवाद” का आरोप लगाया गया था, महिला जज ने शाहबाज़ गिल (Shahbaz Gill) की गिरफ्तारी का फरमान जारी किया था, जो कि खान के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है।

पिछले साल पाकिस्तान चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया कि इमरान खान की पार्टी पीटीआई को विदेशों से अवैध पैसा हासिल हो रहा था, जो कि पाकिस्तान में गैरकानूनी है। पाकिस्तान में इसे गबन और भ्रष्टाचार कहकर प्रचारित किया जा रहा है। हालांकि इमरान खान ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ दायर सभी मामले फर्जी हैं। शहबाज शरीफ सरकार उन्हें फंसाने के लिये अंधाधुंध मुकदमे दर्ज करवा रही है। ऐसे में उन्होनें शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) सरकार को चुनौती देते हुए दी और कहा कि सरकार उनके खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करें।

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