Hanuman Jayanti: साम्प्रदायिकता के नये पैटर्न की जद में हिंदू त्यौहार

हिंदू धर्म से जुड़े कुछ त्योहारों पर पत्थरबाजी और हिंसा अब सलाना घटना बनती दिख रही है। रामनवमी हो या हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) इन दो हिंदू त्यौहारों पर निकाले जाने वाले जुलूसों पर पत्थर फेंके जाते हैं। माना जाता है कि ये ज्यादातर रमजान के महीने में दोनों त्यौहारों के पड़ने की वज़ह से होता है।

हिंसा का ये पैटर्न हर साल पूरे देश में देखा जा रहा है। इस हिंसा का सारा दोष उन लोगों और आयोजकों को दिया जाता है जो कि रामनवमी (Ram Navami) या हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकालते हैं. तो, क्या ये मान लिया जाये कि हिंदू त्योहारों में मनाये जाने वाले उत्सव ही हिंसा की बड़ी वज़ह हैं?

रामनवमी और हनुमान जयंती पर होने वाली सालाना हिंसा को लेकर हालात इतने तनावपूर्ण हो गये है कि सरकारों और केंद्र सरकार को इस संबंध में आगे बढ़कर एडवाइजरी जारी करनी पड़ी रही है, इस साल केंद्रीय गृह मंत्री को रामनवमी के मौके पर आधिकारिक एडवाइजरी जारी करनी पड़ी।

रामनवमी पर कई राज्यों में हिंसा के मद्देनज़र केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से औपचारिक रिपोर्ट मांगी और सभी नागरिकों से इस तरह के त्यौहारों के दौरान उचित कानून व्यवस्था बनाये रखने, समुदाय में शांति और सद्भाव बनाये रखने का भी आग्रह किया।

इस तरह की एडवाइजरी जारी करने में कुछ भी गलत नहीं है। कुछ साल पहले तक ऐसी एडवाइजरी 15 अगस्त और 26 जनवरी के आसपास जारी की जाती थी। ये ऐसे मौके होते थे जब आतंकी हमले की काफी ज्यादा आशंका होती थी। रामनवमी और हनुमान जयंती जैसे त्यौहारों को लेकर भी ऐसे ही हालात पैदा हुए हैं। प्रशासन को शोभायात्रा पर पथराव और उसके बाद हिंसा फैलने का भी डर है।

हनुमान जयंती को लेकर दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) लगातार इलाके में पेट्रोलिंग कर रही है और पुलिस ने एक फरमान जारी कर कहा है कि हनुमान जयंती के मौके पर इलाके में किसी भी समुदाय या समूह को जुलूस निकालने की इजाजत नहीं है, बाद में देर बुधवार (5 अप्रैल 2023) रात अधिकारियों ने बैठक कर जहांगीरपुरी में शोभायात्रा का रूट तय कर एहतियाती उपायों के साथ हनुमान जयंती की शोभायात्रा को मंजूरी दे दी।

ये सब कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये किया जा रहा है। पुलिस को अंदेशा है कि अगर हनुमान जयंती का जुलूस इन इलाकों से गुजरा तो पथराव और हिंसा हो सकती है। दरअसल पिछले साल जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती शोभा यात्रा पर पथराव के बाद हालात काफी बिगड़ गये थे।

अभी कुछ दिन पहले 30 मार्च को रामनवमी के दिन देश के अलग-अलग राज्यों में हिंसा हुई। इसमें पश्चिम बंगाल और बिहार (West Bengal and Bihar) में कानून व्यवस्था के हालात काफी खराब दिखे। पश्चिम बंगाल के हावड़ा (Howrah), बिहार में बिहारशरीफ और सासाराम (Bihar Sharif and Sasaram) में रामनवमी के उत्सव के तीन दिन बाद तक हिंसा भड़क उठी।

इन दोनों राज्यों में रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव और हिंसा को रोकने में पुलिस प्रशासन नाकाम रहा है। एहतियात के तौर पर अशांत इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गयी और हनुमान जयंती से पहले हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी।

सह-संस्थापक संपादक : राम अजोर

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