AAP हुई भाजपा पर हमलावर, कहा 80 फीसदी नेता पुलिस हिरासत में

नई दिल्ली (शाश्वत अहीर): आम आदमी पार्टी (AAP- Aam Aadmi Party) ने आरोप लगाया है कि उसके 80 फीसदी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और साथ ही सवाल किया है कि क्या किसी को 24 घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखा जा सकता है?

सीबीआई ने बीते रविवार (26 फरवरी 2023) को रद्द की गयी आबकारी नीति (Excise Policy) में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) को गिरफ्तार कर लिया, जबकि पुलिस ने आप सांसद संजय सिंह और मंत्री गोपाल राय (AAP MP Sanjay Singh and Minister Gopal Rai) समेत मौके से  50 लोगों को हिरासत में लिया, जो कि सीबीआई कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जहां सिसोदिया को ठहराया जा रहा था।

पुलिस के मुताबिक रविवार को हिरासत में लिये गये नेताओं को आज (27 फरवरी 2023) रिहा किया जा रहा है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (Spokesperson Saurabh Bhardwaj) ने कहा कि लंबी हिरासत अवैध थी और ये पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की ओर से लगाये आपातकाल की तरह है।

उन्होंने आगे कहा कि, ”कल से आम आदमी पार्टी बार-बार कह रही है कि न सिर्फ मनीष सिसोदिया जी को गिरफ्तार किया गया है, बल्कि पार्टी के लगभग 80 फीसदी नेतृत्व को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछने पर केंद्र सरकार कह रही है कि उन्हें सिर्फ हिरासत में लिया गया है। मैं जानना चाहता हूं कि नजरबंदी एक घंटे की होती है, दो घंटे की या तीन घंटे की? अब ये 24 घंटे की होगी, क्या पुलिस इतने बड़े नेताओं को 24 घंटे के लिये हिरासत में रख सकती है? कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।”

किसी को इतने लंबे समय तक हिरासत में रखना ‘अवैध’ बताते हुए उन्होंने कहा कि अब तक नेताओं को अदालत में पेश किया जाना चाहिए था। इसी मुद्दे पर उन्होनें कहा कि “अब तक आपको उन्हें अदालत में पेश करना चाहिए था और बताया जाना चाहिये था कि पुलिस ने किस धारा के तहत और किस वज़ह से राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) को गिरफ्तार किया है? दिल्ली के वरिष्ठ नेता गोपाल राय को हिरासत में लिया गया है। संगठन का काम देखने वाले आदिल अहमद खान (Adil Ahmed Khan) को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कल से दर्जनों विधायकों और निर्वाचित पार्षदों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने पूरी रात थाने में बितायी। पुलिस ने उन्हें अभी तक रिहा नहीं किया है”

भारद्वाज ने कहा कि- “ये आपातकाल का इशारा हैं और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) वही कर रही है जो पूर्व प्रधानमंत्री -इंदिरा गांधी ने साल 1975 में आपातकाल लागू करते समय किया था।” इसी मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए उन्होनें कहा कि-  “ये बेहद खतरनाक संकेत हैं। ये आपातकाल के संकेत हैं। आपने सभी नेताओं को बिना किसी वजह के सलाखों के पीछे डाल दिया है और ये गलत है। केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिये कि उसने हमारे शीर्ष नेतृत्व को किस आधार पर गिरफ्तार किया और उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया।”

सिसोदिया की गिरफ्तारी के बारे में बात करते हुए उन्होंने हैरानी जतायी कि ऐसा कौन सा नया घटनाक्रम हुआ है जिससे केंद्रीय एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने के लिये मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि, “आज मैंने ये समझने के लिये सभी अखबार पढ़े कि क्या उनके (सिसोदिया) खिलाफ कुछ नया पाया गया है। ये वही बासी कहानी थी जो सीबीआई (CBI) पिछले साल मई से सुना रही है।” सिसोदिया की गिरफ्तारी की जरूरत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि- “सीबीआई के पास सभी फाइलें हैं लेकिन उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला। मैं जानना चाहता हूं कि अब गिरफ्तारी करने की क्या जरूरत थी? क्या वो देश से भाग रहे थे? वो पिछले 10 महीनों में नहीं भागे, अब वो क्यों भागेगें? क्या वो किसी को प्रभावित कर रहे थे या सबूत मिटा रहे थे? उसके पास पिछले आठ महीनों में कई मौके थे और वो ऐसा कर सकते थे लेकिन जब उसने ऐसा नहीं किया तो अब वे ऐसा क्यों करेगें?

भारद्वाज ने कहा कि शराब नीति (Liquor Policy) को मंजूरी देने और नोटिफाई करने वाले पूर्व एलजी अनिल बैजल (Former LG Anil Baijal) से भी पूछताछ की जानी चाहिये। इसी बात को केंद्र में रखते हुए उन्होनें कहा कि-  “सबसे बड़ी बात जो हमें अखबारों में पता चली कि जो नीति बनायी गयी है उसमें भ्रष्टाचार है। सभी जानते हैं कि पूर्व एलजी अनिल बैजल ने ही नीति को मंजूरी दी थी और उसे नोटिफाई किया था। बैजल की नियुक्ति केंद्र ने ही की थी। अगर उन्होनें इस नीति को मंजूरी दे दी तो सीबीआई पिछले 10 महीनों से क्या कर रही है? सीबीआई ने उनसे पूछताछ क्यों नहीं की?” सौरभ भारद्वाज ने अपनी बात को फिर से दोहराते हुए कहा कि- “मोदी सरकार आम आदमी पार्टी को प्रताड़ित कर रही है, पार्टी मौजूदा घटनाक्रम के विरोध में भाजपा मुख्यालय के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेगी।”

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