Wrestlers’ Protest: पहलवानों के समर्थन में उतरा संयुक्त किसान मोर्चा, 1 जून से किया देशव्यापी विरोध का आह्वान

न्यूज डेस्क (अमित त्यागी): Wrestlers’ Protest: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवानों के समर्थन में किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने आगामी 1 जून को देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया।

संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि- भारतीय पहलवानों की ओर से विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार को सुरक्षित करने के लिए और भाजपा सांसद बृजभूषण सरन की गिरफ्तारी की मांग करने के लिये संयुक्त किसान मोर्चा ने समाज के अन्य सभी वर्गों से आगे आने और लामबंद होने का आवाह्न करता है।

किसान मोर्चा पूरे भारत में प्रदर्शन करने के लिये ट्रेड यूनियनों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों और बुद्धिजीवियों समेत अन्य सभी वर्गों के मंचों के साथ कोर्डिनेट करेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा भी आने वाले 5 जून को भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के प्रमुख के खिलाफ प्रदर्शन करेगा और साथ ही उनके पुतले जलायेगा। बता दे कि बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष और समर्थन में 5 जून को अयोध्या (Ayodhya) में कुछ संतों ने रैली निकालने की योजना बनायी है।

किसान मोर्चा ने 28 मई को पहलवानों पर हुई कार्रवाई की भी कड़ी निंदा की, जिस दिन महिला पहलवानों ने ‘महिला सम्मान महापंचायत’ का आह्वान किया था। सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को बीते रविवार (28 मई 2023) को दिल्ली पुलिस ने उन्हें ज़बरन धरना स्थल से हटा दिया, जब उन्होंने (प्रदर्शनकारी पहलवानों) उसी दिन उद्घाटन किये गये नये संसद भवन (New Parliament Building) तक मार्च करने की कोशिश की थी। उन्हें हिरासत में लिया गया और बाद में छोड़ दिया गया।

इसके बाद पहलवानों ने ऐलान किया कि वो सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अपने मैडल गंगा में बहा देगें। इसी क्रम में जब पहलवान हरिद्वार में गंगा घाट पर हरि पैड़ी पर पहुँचे तो किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने उन्हें मैडल प्रवाह करने से रोका और पहलवानों ने अपने मैडल उनके सुपुर्द कर दिये। किसान नेताओं ने इस मुद्दे को हल करने के लिये पहलवानों से पांच दिन का वक्त मांगा, जिसके बाद सभी प्रदर्शनकारी पहलवान किसान यूनियन के आश्वासन पर राजी हो गये।

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