पुराने चेहरों के साथ नये लोगों को राज्यसभा में मौका देगी TMC, एक सीट पर होगा कड़ा मुकाबला

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने आज (10 जुलाई 2023) पश्चिम बंगाल की छह सीटों के लिये आगामी राज्यसभा चुनाव को देखते हुए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की अगुवाई वाली टीएमसी ने चुनाव के लिये तीन नये उम्मीदवारों को मैदान में उतारते हुए राज्यसभा के तीन मौजूदा सांसदों डेरेक ओ’ब्रायन (टीएमसी के राज्यसभा नेता), डोला सेन और सुखेंदु शेखर रे (Dola Sen and Sukhendu Shekhar Ray) को फिर से नामांकित किया।

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में गुजरात, पश्चिम बंगाल और गोवा (West Bengal and Goa) में राज्यसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की। तीन राज्यों की इन 10 सीटों के लिये मतदान और मतगणना 24 जुलाई को होनी है। 10 में से छह सीटें पश्चिम बंगाल की हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले,

इसी क्रम में अलीपुरद्वार जिला अध्यक्ष प्रकाश चिक बड़ाईक और नागरिक समाज संगठन बांग्ला संस्कृति मंच के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम (Sameerul Islam) टीएमसी के नये राज्यसभा उम्मीदवार होंगे। टीएमसी की ओर से राज्यसभा के लिये उम्मीदवार बनाये जाने पर साकेत गोखले ने ट्विट कर लिखा कि- “मैं अपने नेताओं ममता बैनर्जी और अभिषेक बैनर्जी (Abhishek Banerjee) का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे राज्यसभा सदस्य के रूप में चुनाव के लिये उम्मीदवार बनाया। ‘मुझ पर उनका विश्वास और गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वाले एक युवा मध्यमवर्गीय लड़के को ये अवसर देने से मैं गौरवान्वनित हूं। मैं प्रभावी जन प्रतिनिधि और कानून निर्माता बनने साथ ही हमारे लोकतंत्र और संविधान के लिये दृढ़ता से खड़े होने के लिये अपना सब कुछ देने का वादा करता हूं।”

राज्यसभा के लिये उम्मीदवार बनाये जाने पर समीरुल इस्लाम ने कहा कि उन्हें राज्यसभा के लिये टीएमसी उम्मीदवार के बनाये पर बेहद खुशी है। उन्होनें कहा कि “ये बड़ा सम्मान है। मैं बहुत खुश हूं। इसका मतलब है कि मुझे अब और ज्यादा जिम्मेदारियां उठानी होंगी। पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सीटों के लिये नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी मैं इस पर ज्यादा ध्यान लगाऊंगा” उन्होंने दावा किया कि पार्टी ने उनका नाम तय करने से पहले उनसे बातचीत की थी।

समीरुल इस्लाम और उनके संगठन बांग्ला संस्कृति मंच को ग्रामीण बंगाल समुदायों खासतौर से बीरभूम, मुर्शिदाबाद, मालदा, पूर्वी-पश्चिम बर्दवान और हुगली (Burdwan and Hooghly) जिलों के अल्पसंख्यकों के बीच भारी समर्थन हासिल है।

मामले पर टीएमसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि नये चेहरों को शामिल करने की राजनीतिक अहमियत है। प्रकाश चिक बड़ाईक को नामांकित करके पार्टी उत्तर बंगाल के लोगों के लिये अपने समर्थन को आश्वस्त करने की कोशिश कर रही है, जहां पार्टी ने हाल के चुनावों में खराब प्रदर्शन हुआ है। बड़ाइक उत्तरी बंगाल के अलीपुरद्वार जिले (Alipurduar District) के रहने वाले हैं।

समीरुल इस्लाम को नामांकित करके टीएमसी ने अल्पसंख्यकों का समर्थन वापस जीतने की कोशिश की है, जिसका एक बड़ा वर्ग साल 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद से अलग-थलग पड़ गया है। इस साल की शुरुआत में टीएमसी मुर्शिदाबाद जिले के अल्पसंख्यक बहुल सागरदिघी निर्वाचन क्षेत्र (Sagardighi Constituency) में विधानसभा उपचुनाव हार गयी थी।

आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी (MLA Naushad Siddiqui) के आने से अल्पसंख्यकों के बीच पार्टी का समर्थन कम हो गया है, जो कि दक्षिण 24 परगना जिले में टीएमसी के खिलाफ मजबूती से मैदान में डटे हुए हैं।

इसी फेहरिस्त में गोखले का राज्यसभा नामांकन अहम है क्योंकि वो पिछले साल दिसंबर में मोरबी पुल ढहने पर एक ट्वीट के बाद खासा चर्चा में आये और साथ ही क्राउडफंडेड संसाधनों के कथित गबन को लेकर अपनी गिरफ्तारी को लेकर भी वो काफी सुर्खियों में छाये रहे।

नाम न बताने की शर्त पर एक टीएमसी नेता ने कहा कि -“एक तरफ पार्टी ने अपने वरिष्ठ सांसदों पर भरोसा जताया है, जिन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ राज्यसभा में शानदार लड़ाई लड़ने में अहम भूमिका निभायी है। दूसरी ओर पार्टी नये लोगों तक भी पहुंची है और उन्हें उच्च सदन में लोगों का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है।”

बंगाल विधानसभा के मौजूदा ढ़ांचे को देखते हुए 220 सीटों वाली टीएमसी राज्यसभा में आसानी से निर्विरोध राज्यसभा की 5 सीटें जीत सकती है। छठी सीट के लिये कड़ा मुकाबला होगा, जिस पर भाजपा जिसके पास 70 सीटें हैं (साल 2021 में जीती गयी 77 सीटों से कम) वहां वो अपना उम्मीदवार खड़ा करने और कड़ी टक्कर देने की स्थिति में बनी हुई है।

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