अमेरिकी हमले में ढ़रे हुआ ISIL आंतकी ओसामा अल-मुहाजेर, MQ-9 रीपर ड्रोन से बनाया गया निशाना

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): हाल ही में यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के प्रमुख माइकल कुरिल्ला (Michael Kurilla) ने कहा कि, “हमने ये साफ कर दिया है कि हम पूरे इलाके में आईएसआईएल (ISIL)/आईएसआईएस (ISIS) को मात देने के लिये प्रतिबद्ध हैं। आईएसआईएस न सिर्फ इलाके के लिये बल्कि इससे भी आगे बढ़कर बड़ा खतरा बना हुआ है। इसी को देखते हुए हमने की मदद से इस्लामिक स्टेट नेता ओसामा अल-मुहाजेर (Islamic State leader Osama al-Muhajer) को मार गिराया है।”

CENTCOM ने ये भी दावा किया कि ऑपरेशन में कोई भी नागरिक नहीं मारा गया, लेकिन गठबंधन सेनाओं ने आम लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। अल जज़ीरा (Al Jazeera) के मुताबिक ये भी कहा गया कि हमले के लिये इस्तेमाल किये गये ड्रोन को पहले दिन में रूसी जंगी फाइटर जेट्स का सामना भी करना पड़ा था।

शुक्रवार (7 जुलाई 2023) को हुए हमले पर CENTCOM ने कहा कि ये उसी MQ-9s (ड्रोन) की ओर से किया गया था, जिसने … लगभग दो घंटे तक चली मुठभेड़ में रूसी फाइटर जेट्स (Russian Fighter Jets) को काफी देर तक उलझाये रखा था। बता कि रूसी सैन्य विमानों ने गुरुवार (6 जुलाई 2023) को 24 घंटे में दूसरी बार सीरिया (Syria) में आईएसआईएल के खिलाफ ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले अमेरिकी ड्रोन का रास्ता रोका था, उस वक्त मामले की जानकारी का खुलासा अमेरिकी कमांडर ने किया था।

अल जज़ीरा की ओर से जारी एक रिपोर्ट में वायु सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एलेक्सस ग्रिनकेविच (Lieutenant General Alexus Grinkevich) ने कहा कि, “रूसी विमानों ने ड्रोन के सामने फ़्लेयर (चमकदार बारूदी चिंगारियां) गिराये और खतरनाक तरीके से उड़ान भरी, जिसका वज़ह से सभी अमेरिकी ड्रोन और विमानों की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी।”

ग्रिनकेविच ने कहा है कि तीन रूसी जेट विमानों ने बुधवार को अमेरिकी ड्रोन के सामने पैराशूट फ़्लेयर (Parachute Flare) गिराये, जिससे उन्हें भागने के लिये मजबूर होना पड़ा, जिसके बाद अमेरिकी सेना ने इस लापरवाह कवायद को लेकर रूसी पक्ष से नाराजगी जतायी और भविष्य में ऐसा कुछ ना करने की भी हिदायत दी।

अमेरिका की ओऱ से जारी वीडियो फुटेज के मुताबिक अमेरिकी रीपर ड्रोन और रूसी हवाई जहाज बुधवार और गुरुवार को दो अलग-अलग घटनाओं में शामिल हुए।

इस साल की शुरुआत में राजनयिक विवाद तब शुरू हुआ, जब अमेरिका ने आरोप लगाया कि 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कीमत वाला रीपर ड्रोन को गिराने के लिये रूसी जेट्स का साफ तौर पर हाथ था, जो संवेदनशील अमेरिकी जासूसी तकनीक से भरा हुआ था और काला सागर (Black Sea) के ऊपर उड़ान भर रहा था।

हालाँकि मॉस्को (Moscow) ने इस बात से इनकार किया कि मार्च में पानी में दुर्घटनाग्रस्त हुए ड्रोन के लिये उसके जेट दोषी थे। अल जज़ीरा के मुताबिक, अमेरिकी सैन्य वीडियो में रूसी विमानों को ड्रोन के फ्लाइट पथ को रोकने करने के लिये युद्धाभ्यास करते हुए दिखाया गया था। सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद (President Bashar al-Assad) का प्रशासन रूस को अहम सहयोगी मानता है।

असद ने सीरियाई संकट के शुरुआती चरणों में खोई हुई बहुत सी जमीन वापस पा ली है, जो कि 2011 में शुरू हुआ था जब असद की अगुवाई वाली सीरियाई ने मास्को और ईरान (Iran) दोनों की मदद से लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को बेरहमी से दबा दिया था। उत्तरी सीरिया में इदलिब (Idlib) का इलाका जहां पर असद विद्रोहियों का कब्ज़ा है, असद के शासन के हथियारबंद विरोध के कई इलाकों में से एक है।

आईएसआईएल से निपटने के वैश्विक प्रयासों के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका सीरिया में लगभग 1,000 सैनिक तैनात किये हुए हैं, जो कि साल 2019 में सीरिया में नष्ट हो गया था, लेकिन अभी भी दूरदराज के रेगिस्तानी इलाकों में आईएसआईएल अपने ठिकाने बरकरार रखे हुए हैं और अभी भी वो समय-समय पर हमले करते रहते हैं।

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