चीन समेत दुनिया के कई हिस्सा में आया Corona मामलों में उछाल, पीएम मोदी ने बुलायी हाईलेवल मीटिंग

नई दिल्ली (शाश्वत अहीर): चीन, जापान, अमेरिका और दुनिया के कई हिस्सों में बढ़ते कोरोना मामलों (Corona Cases) पर बढ़ती चिंताओं के बीच पीएम नरेंद्र मोदी स्थिति की समीक्षा के लिये आज (22 दिसंबर 2022) एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) की ओर से देश में कोरोना हालातों की स्थिति पर चर्चा करने के लिये वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक करने के ठीक एक दिन बाद पीएम मोदी (PM Modi) की ये अहम बैठक हुई है। बैठक के बाद मंडाविया ने लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और सतर्क रहने का आग्रह किया।

मंडाविया ने कहा कि कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है, उन्होंने संबंधित अधिकारियों और विभागों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। मंडाविया ने जोर देकर कहा कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार है। मामले पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्विट कर लिखा कि- “कुछ देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मैंने विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ हालातों की समीक्षा की। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। हम किसी भी स्थिति का प्रबंधन करने के लिये तैयार हैं।”

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयसस (Tedros Ghebreyesus) ने बीते बुधवार (21 दिसंबर 2022) को कहा कि WHO चीन में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर बेहद चिंतित है। प्रेस मीटिंग के दौरान टेड्रोस घेब्रेयसस ने कहा कि-  “हम उम्मीद रखे हुए हैं कि चीन डेटा साझा करेगा। इस मसले को लेकर हमने अपनी चिंताओं से बीजिंग को वाकिक करवा दिया है। हम अनुरोध करना जारी रखें हुए है। जैसा कि मैंने पहले भी कई बार कहा है, इस महामारी की पैदाइश के बारे में सभी कयास और संभावनायें टेबल पर हैं,”

टेड्रोस ने आगे कहा कि- जमीनी हालातों पर हालातों और जोखिमों का मूल्यांकन करने के लिये WHO को रोग की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती और गहन देखभाल इकाई सहायता के लिये पैदा होने वाली जरूरतों पर ज्यादा विस्तृत जानकारी की हासिल करने की दरकार है। डब्ल्यूएचओ चीन (China) को देश भर में फैले सबसे ज्यादा जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिये लगातार समर्थन दे रहा है, और हम क्लीनिकल केयर और स्वास्थ्य प्रणाली की हिफाज़त के लिये अपना समर्थन देना जारी रखेंगे।”

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