Ambulance contract in UP: दाग़ी कंपनी को यूपी में मिला एम्बुलेंस संचालन का ठेका

Ambulance contract in UP: उत्तर प्रदेश में अगस्त महीने की शुरुआत में बीस हज़ार एंबुलेंस चालक और मेडिकल टेक्नीशियन (Ambulance Driver and Medical Technician) की हड़ताल चल रही थी, दरअसल कोरोना काल मे इन कर्मियों ने सातों दिन 24 घण्टे ड्यूटी की, लेकिन जिस नयी कंपनी को नया ठेका मिला है वो इनसे पहले से भी कम तनख्वाह में काम कराना चाहती थी ओर प्रशिक्षण के नाम पर 20 हजार रुपये अलग से मांग रही थी दरअसल यूपी में तीन तरह की एंबुलेंस सेवाएं 108 नंबर, 102 नंबर और एडवांस्ड लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम (Advanced life support system) यानि एएलएस संचालित होती हैं और अन्य कई राज्यों के समान ये सभी सेवाएं निजी हाथों में हैं।

योगी सरकार ने इस बीच एस्मा लागू कर करीब 570 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया, विभिन्न जिलों में पुलिस और प्रशासन की मदद से एंबुलेंसकर्मियों से एंबुलेंस वापस ले ली गयी और उन्हें दूसरे चालकों को सौंप दिया गया।

योगी सरकार ने इस बार ये ठेका जिगित्ज़ा हेल्थ केयर (Ziqitzta Health Care) नामक कंपनी को दिया है। जिगित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड मुंबई, बिहार, बिहार, केरल, पंजाब तथा ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में 2100 से ज़्यादा एम्बुलेंस का संचालन कर रही है।

ये वही कंपनी है जिसने राजस्थान 108 एंबुलेस योजना में घोटाला किया था और साल 2018 में इस मामले में ईडी ने जिकित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड की 11.57 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी।

पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल में हुये 2.56 करोड़ के 108 एम्बुलेंस सर्विस घोटाले (Ambulance Service Scam) में जांच के बाद सीबीआई ने जिगित्जा हेल्थ केयर के सह संस्थापक और पूर्व केन्द्रीय मंत्री व्यालार रवि के पुत्र रवि कृष्णा, निदेशक सचिन पायलट (वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष), पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्तिक चिदम्बरम, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ए.ए खान, श्वेता मंगल, शफी माथेर और निदेशक एनआरएचएम के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधडी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधडी के लिये जालसाजी), 471, और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया था।

अब उसी कम्पनी को जिसे लेकर सीबीआई ईडी जाँच कर रही है उसे योगी सरकार ने नया ठेका दे दिया और जिगित्जा हेल्थ केयर पर सिर्फ राजस्थान में ही मुकदमा दर्ज नही किया गया, उस पर अपने काम में लापरवाही करने के आरोप विभिन्न राज्यों में लग चुके हैं। मध्यप्रदेश में साल 2020 में NHM की MD छवि भारद्वाज ने आदेश जारी कर दीनदयाल चलित हस्पताल सेवा में जिगित्सा द्वारा फर्जी तरीके से डेटा फीड करने की शिकायत को सच पाया था और 108 एंबुलेंस का संचालन कर रही कंपनी जिगित्जा हेल्थ केयर से 2 करोड़ 57 लाख 83 हजार 320 रूपए की वसूली के आदेश जारी किये गये थे।

ऐसी घोटालेबाज कम्पनियों को योगी सरकार में ब्लैकलिस्ट करने के बजाये उसे आगामी वर्षो में के लिये पूरे उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस संचालन का ठेके दिया जा रहा है।

साभार – गिरीश मालवीय

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