भारत और America के बीच लड़ाकू जेट इंजन बनाने का सौदा अंतिम दौर में, रीपर ड्रोन खरीद पर भी बन सकती है सहमति

न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका (America) दौरे और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (US President Joe Biden) से उनकी मुलाकात करने से पहले ही सामने आ रहा है कि दोनों के बीच बातचीत के एजेंडे में लड़ाकू जेट इंजनों का ज्वॉइंट प्रोडक्शन का मुद्दा शामिल होगा। भारत और अमेरिका एक सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर करने के बेहद करीब हैं, जो कि उन्हें संयुक्त रूप से लड़ाकू जेट इंजन विकसित करने की मंजूरी देगा।

व्हाइट हाउस मैसाचुसेट्स स्थित एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी (GE- General Electric) को तेजस लाइट-कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Tejas Light-Combat Aircraft) के लिये हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ इंजन का प्रोडक्शन करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के कगार पर है।

इस जेट इंजन समझौते के लिए अमेरिका से टैक्नोलॉजी ट्रांसफर की दरकार होगी, जिसके लिये अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) से अनुमोदन मिल पाना बड़ा और अहम पड़ाव रहेगा। भारत चीन की बढ़ती मुखरता और दोनों के बीच बढ़ते तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में माना जा रहा है कि भारत के पक्ष फैसला आने की उम्मीद है।

जीई इंजनों के प्रोडक्शन से भारत के लड़ाकू जेट प्रोग्राम और इससे भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) को सामरिक बढ़त मिलने की उम्मीद है, मौजूदा हालातों में भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े में तेजी से पुराने हो रहे रूसी लड़ाकू विमानों को बदलने की सख्त जरूरत है।

इस कदम से पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की छवि को भी मजबूत होने की उम्मीद है क्योंकि वो अगले साल राष्ट्रीय चुनावों में बड़ी भारी जीत और तीसरे कार्यकाल की उम्मीद लगाये बैठे है। पीएम मोदी 21 जून को अपनी पहली औपचारिक राजकीय यात्रा की शुरूआत करेंगे। बिडेन उनके लिये राजकीय भोज की मेजबानी करेंगे, और भारतीय प्रधानमंत्री अमेरिकी कांग्रेस को भी संबोधित करेंगे।

इसके अलावा भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC- Defence Acquisition Council) भी आज (15 जून 2023) SeaGuardian ड्रोन सौदे को अंतिम रूप देने के लिये तैयारियां शुरू करेगी और अमेरिकी कंपनी से इस बारे में सौदा करेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारी और सैन्य अधिकारी इस बैठक में हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि ‘मेड इन इंडिया’ रक्षा सौदे भी इस बैठक के एजेंडे में हैं।

खरीद परियोजना डीएसी के तहत आवश्यकता की स्वीकृति की प्रक्रिया से गुजरेगी। इसके बाद अमेरिकी प्रशासन को अनुरोध पत्र जारी किया जायेगा, जिसके बाद प्रस्ताव और स्वीकृति पत्र के जरिये उनका रिस्पांस हासिल किया जायेगा। इस कवायद को आगे बढ़ाने के लिये अमेरिकी कांग्रेस की अधिसूचना की जरूरत नई दिल्ली को होगी।

अमेरिका ने भारत से जनरल एटॉमिक्स की ओर से बनाये गये 30 हथियारों को ढ़ोने में सक्षम MQ-9B SeaGuardian (जिसे रीपर भी कहा जाता है) ड्रोन के सौदे पर तेजी से आगे बढ़ने को कहा था। साल 2020 की गर्मियों में चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद भारत ने पहले अमेरिका से उधार लेकर दो एमक्यू 9बी ड्रोन का इस्तेमाल किया था।

बता दे कि इसी क्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (National Security Advisor Ajit Doval) और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन (Jake Sullivan) ने बीते बुधवार (14 जून 2023) को दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक की। डोभाल के न्यौते पर सुलिवन भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। सालों तक नौकरशाही की लालफीताशाही की वज़ह से अटके रहने के कारण ये ड्रोन का सौदा जल्द ही पूरा नहीं हो सका। इसके अलावा दोनों देशों की ओर से संयुक्त रूप से भारत में आठ पहियों वाले बख्तरबंद गाड़ी स्ट्राइकर के प्रोडक्शन पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।

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