देश के पहले निजी रॉकेट Vikram-S की हुई कामयाब लॉन्चिंग

टैक्नोलॉजी डेस्क (यामिनी गजपति): विक्रम-एस (Vikram-S) भारत का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट आज (18 नवंबर 2022) सुबह श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। विक्रम सबऑर्बिटल रॉकेट की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center) से सुबह 11:30 बजे हुई। कामयाब लॉन्चिंग को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) ने स्काईरूट (Skyroot) को बधाई दी।

इसरो और IN-SPACe (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र) को प्रयासों से हैदराबाद में स्काईरूट एयरोस्पेस स्टार्ट अप की ओर से ‘प्रारंभ’ मिशन और विक्रम-एस रॉकेट विकसित किये गये हैं। रॉकेट अंतरिक्ष में दो भारतीय और एक अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के पेलोड ले जा रहा है।

स्काईरूट एयरोस्पेस ने उड़ान का एक यूट्यूब लिंक अटैच करते हुए ट्वीट किया कि, “89.5 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल की गयी। विक्रम-एस रॉकेट सभी उड़ान मापदंडों को पूरा करता है। ये भारत के लिये इतिहास बना रहा है। देखते रहें।”

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Union Minister Jitendra Singh) शुक्रवार को ‘विक्रम एस’ के भव्य लॉन्च के लिये श्रीहरिकोटा पहुंचे थे बता दे कि विक्रम-एस का नाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।

स्काईरूट एयरोस्पेस के मुताबिक साल 2020 के आखिर में शुरू होने वाले जमीनी कामों के साथ, विक्रम-एस को दो साल के रिकॉर्ड समय के भीतर विकसित किया गया है, जो कि सॉलिड फ्यूल प्रप्लशन (Solid Fuel Propulsion), अत्याधुनिक एवियोनिक्स और कार्बन फाइबर कोर स्ट्रक्चर से बना है। विक्रम-एस रॉकेट विक्रम सीरीज ऑर्बिटल क्लास लॉन्च व्हीकल से जुड़े कई परीक्षणों में खासा मदद देगा। इसके जरिये प्री-लिफ्ट ऑफ और पोस्ट-लिफ्ट ऑफ चरणों के साथ साथ कई उप-प्रणालियाँ और प्रौद्योगिकियों को भी टेस्टिंग की जा सकेगी।

विक्रम एस में स्पिन स्टैबिल्टी के लिये 3डी-प्रिन्टेड सॉलिड थ्रस्टर्स (Solid Thrusters) का इस्तेमाल किया गया है। 545 किलोग्राम बॉडी मास, 6 मीटर की लंबाई और 0.375 मीटर के व्यास के साथ विक्रम-एस अंतरिक्ष में सबसे तेज और सबसे सस्ती सवारी है।

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