Sex Positions: आर्गेज़्म और एन्जॉयमेंट के लिए आजमाये ये पोजिशंस

लाइफ स्टाइल डेस्क (देविका चौधरी): कुछ खास किस्म की सैक्स पोजिशंस (Sex Positions) दोनों पार्टनर के बीच चार्म को बढ़ा देती है। ज्यादातर पश्चिमी मुल्क इस मामले में भारत को ही फॉलो करते है। जितनी भी पोर्न फिल्मों में पोजिशंस बनायी जाती है। वो सभी वात्स्यायन के कामसूत्र के कामसूत्र (Kamasutra of Vatsyayan) से ही प्रेरित होती है। अगर इसकी झलक लेनी हो तो खजुराहों के मंदिरों में पहुँचा जा सकता है। सेक्सुअल लाइफ में इनका काफी अहम रोल होता है। आमतौर इंडियन कप्लस मिशनरी पोजिशंस ही ट्राय करते है। जो कि एवरग्रीन पोजिशन है। ऐसे में अगर वो कुछ नया ट्राय करे तो बेहतर अनुभव महसूस कर सकते है।

कम्फर्ट लेवल को देखते हुए दोनों पार्टनर कुछ नयी पोजिशंस आजमा सकते है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि सैक्स को लेकर आपकी बोरियत खत्म होती है। साथ ही ये दोनों को ही आर्गेज़्म तक ले जाने में काफी मदद करते है। थोड़ी सी शर्म छोड़कर आप खुलकर एन्जॉयमेंट (Enjoyment) महसूस कर पायेगें। ध्यान रहे अपनी हदों को वहीं तक सीमित रखे, जहां तक दोनों को कोई हिचकिचाहट ना महसूस हो।

कुछ खास किस्म की Sex Positions और उसके फायदे

  • फोल्डेड डेक पोजिशन- ये खासतौर से उन जैन्ट्स के लिए है, जिन्हें अपना सैक्स टाइम बेहतरीन लगता है। इससे आप अपने फीमेल पार्टनर को काफी देर तक एंगेज रखा सकते है। अगर इसे अच्छे से किया जाये मल्टीप्ल आर्गेज़्म भी फील करवाया जा सकता है। इस पोजिशन के लिए थोड़ा समय निकालना चाहिए। जल्दबाज़ी में अगर इसे किया जाये तो इसका कोई फायदा नहीं।
  • स्पूनिंग पोजिशन- कम समय में ज्यादा प्लेजर के लिए स्पूनिंग पोजिशन को एकदम परफेक्ट माना जाता है। इसकी मदद से मेल पार्टनर बेहद आसानी से क्लाइटोरिस रीजन तक पेनिट्रेट कर सकता है। इसमें मेल पार्टनर काफी धीरे-धीरे मूवमेंट करता है। मान लीजिए कि एक चम्मच को दूसरे चम्मच पर रगड़ा जाने जैसा। करवट में होने वाली इस पोजीशन से ज्यादा थकान में नहीं महसूस होती।
  • सीटेड लोटस पोजीशन- ये एकमात्र तरीका है, जिसमें ज्यादा मेहनत किये बगैर एक्सट्रीम प्लेज़र मिलता है। हार्ड कोर की समझ रखने वाले और ऐमच्यौर दोनों ही इसे काफी आसानी से कर सकते है। जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर हो रहा है। कमल के फूल की तरह बैठे दो लोग। इसमें मेल पार्टनर पैरों को क्रॉस करता है और फीमेल पार्टनर टांगे खोलकर पैरों को फैलाकर उसके ऊपर बैठती है। इसे करने से पहले दोनों ही खुद कंफर्ट जोन में ले आये ताकि एक दूसरे को अच्छे से संभाल सके।

  • द ब्रिज- ये खास पोजीशन उन लोगों के लिए है। जिनकी बॉडी एथलेटिक्स वाली होती है। इसे करने के लिए मसल्स का फैलेक्सिबल होना जरूरी है। ऐमच्यौर अगर इसे ट्रॉय करते तो कुछ दिन में इसे आसानी से कर सकते है। इसमें फीमेल पार्टनर के तलवे पूरी तरह जमीन पर होने चाहिए और शरीर का ऊपरी हिस्सा नीचे की और 90 डिग्री झुका होता है। ऐसे में फीमेल पार्टनर का शरीर एक पुल की तरह हो जाता है। मेल पार्टनर को धीरे से फीमेल पार्टनर को पैरों को उठाकर कंधे पर रखना चाहिए। धीरे-धीरे सॉफ्ट से लेकर हार्ड स्ट्रोक की ओर जाइये। इस दौरान पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए नहीं चोट लगने की संभावनायें बनी रहती है।
  • डॉगी और मिशनरी- ये दोनों क्लासिकल पोजीशंस है। जो लोग पहली बार सैक्स करते है। जिन्हें पोजीशंस का पी भी नहीं पता होता है। वो ऑटोमेटिक मिशनरी करते है। इस बारें में हमारी सलाह है कि मिशनरी करने से पहले एक या दो ताकिये फीमेल पार्टनर की पीठ के नीचे लगा दे। उसे जल्द ही चरमसुख महसूस होगा। डॉगी स्टाइल दोनों के लिए काफी कम्फर्टेबल होता है। डीप पेनिट्रेशन होने के वजह फीमेल पार्टनर जल्द ही ऑर्गेज़्म महसूस करती है और मेल पार्टनर को फीमेल की कूल्हों और पीठ का सर्पोट मिलता है।
  • 69- सैक्स के जानकार लोग इस बारे में अच्छे से वाक़िफ होगें। वैसे तो ये मुख्यतौर पर फोर प्ले का हिस्सा है, लेकिन इसमें ऑर्गेज़्म और एन्जॉयमेंट की काफी संभावनायें छिपी हुई है। बहुत लोग इसे अटपटा और घिनौना मानते है। पर यकीन मानिये अगर आप इसे सहज़ रूटीन में ले आये तो इसके आगे सभी सैक्स पोजीशन एकदम बेकार है। इसमें दोनों पार्टनर एक दूसरे के शरीर लेटकर ओरल सैक्स करते है। दोनों के चेहरों के सामने पार्टनर के प्राइवेट पार्ट्स होते है। जिस पर रबिंग और लिकिंग कर एक अलग ही अनुभव हासिल किया जा सकता है।

नोट- बतायी गयी सैक्स पोजिशंस को देखने को लिए आप इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते है।

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