Bihar के मौजूदा हालातों पर प्रशांत किशोर का बयान, कहा तेजस्वी निभायेगें अहम भूमिका

न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने बिहार (Bihar) के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जदयू-राजद सरकार (JDU-RJD Government) सूबे में राजनीतिक स्थिरता का माहौल तैयार करेगी, इस सियासी तस्वीर का इंतज़ार सूबे की आवाम़ को लंबे समय से था। जहां नौ सालों के दरम्यान छह सरकारें देख गयी। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बिहार में राजनीतिक अस्थिरता का सूत्रधार बताते हुए किशोर ने कहा कि नयी सरकार में राजद नेता तेजस्वी यादव की अहम राजनीतिक भूमिका दिखेगी, जो राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के सही मायनों में सुप्रीमो हैं। बतौर बिहार का आप सिर्फ ये उम्मीद कर सकते हैं कि वो अपने गठन पर अडिग है।

प्रशांत किशोर जिन्होनें नीतीश कुमार से अलग होने से पहले जदयू में काम किया गया था, ने कहा कि यादव नयी सरकार और गठबंधन को चलाने में अहम भूमिका निभायेगें। साथ ही उन्हें सूबे की सियासत का कद्दावर नेता भी बताया। उन्होनें कहा कि बिहार की जनता काफी बेसब्री से ये देखने के लिये तैयार है कि तेजस्वी अपनी नयी पारी में कैसे काम करते हैं।

ये पूछे जाने पर कि क्या साल 2024 के आम चुनावों पर जदयू-राजद गठबंधन का कोई असर होगा, उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि बिहार में ताजातरीन राजनीतिक घटनाक्रम सूबे के लिये काफी खास हैं। मुझे नहीं लगता कि देश में राष्ट्रीय स्तर पर विरोध के कारण इसकी पटकथा वैकल्पिक बनाने के विचार से तय की गयी है।

बता दे कि नीतीश कुमार ने बीते मंगलवार (10 अगस्त 2022) को भाजपा के साथ अपना गठबंधन खत्म कर लिया और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के राजद के साथ साल 2015 के गठबंधन में दुबारा नयी जान फूंकते हुए उसका हिस्सा बन गये। इसके साथ ही बिहार में बीजेपी का अब कोई बड़ा सहयोगी नहीं है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि सामने आयी नयी सियासी गतिशीलता 2024 में कम से कम बिहार में भाजपा (BJP) की संभावनाओं पर सीधा असर डालेगी।

साल 2019 के आम चुनाव में जदयू-बीजेपी गठबंधन की जीत हुई थी। हालांकि अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सामने आयी चुनावी नतीज़ों नीतीश कुमार की जदयू (JDU) जो कि एनडीए (NDA) की बिहार इकाई में बड़ा भाई हुआ करती थी, को मामूली भागीदार बताया गया। चिराग पासवान (Chirag Paswan) की खुली नाफरमानियां जगज़ाहिर है।

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