Maharashtra: अब कानून की आंखों पर पट्टी की जगह लगेगा चश्मा

न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): बीती दस जुलाई को Maharashtra की उद्धव सरकार (Uddhav government) ने फैसला लेते हुए बम्बई हाइकोर्ट के सभी न्यायधीशों और सेवानिवृति न्यायधीशों (Retired judges) के लिए सरकारी प्रस्ताव को मंजूरी दी। जिसके तहत बॉम्बे हाई कोर्ट के जज़ो को चश्मा खरीदने के लिए 50,000 रुपये का भुगतान मुंबई सरकार करेगी। इसका फायदा न्यायधीशों के परिजनों और उनके अश्रितों (Family and dependents) को भी मिलेगा। जिसके लिए उन्हें सालाना तौर पर रिइंबर्मेंट का भुगतान भी किया जायेगा। इसके साथ ही चश्में की टूट-फूट और मरम्मत की धनराशि भी प्रदेश सरकार मुहैया करवायेगी। इस राजकीय प्रस्ताव के बारे में कानूनी सलाहकार और संयुक्त सचिव योगेश अमेटा (Legal Advisor and Joint Secretary Yogesh Ameta) ने बताया।

न्यायधीशों उनके परिजनों और आश्रितों के चश्में से जुड़े भुगतान को लेकर मुख्य न्यायधीश और मुख्य सचिव के बीच बैठक तकरीबन पाँच-छह महीने पहले शुरू हुई। थोड़ी बहुत चर्चा के बाद इस राशि के 50,000 रूपये तय किया गया। जिस पर दोनों पक्षों के बीच आम सहमति बन गयी। फिलहाल मामले पर मुख्यमंत्री के सलाहकार योगेश अमेटा की कोई टिप्पणी नहीं आयी है।

उच्च न्यायालयों के जज़ो (वेतन और सेवा शर्त) अधिनियम के मुताबिक हरेक न्यायाधीश और उनके परिजनों एवं आश्रितों को समय-समय पर अस्पतालों में एडमिट होने के साथ स्वास्थ्य संबंधी दूसरी सुविधायें हासिल करने का पूरा अधिकार सुनिश्चित किया गया है। साथ ही सर्विस के दौरान उच्च न्यायालय के जज़ों को क्लास वन केंद्रीय सिविल सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी के समकक्ष स्वास्थ्य सेवायें हासिल करने और दवाओं की खरीद पर रिइंबर्मेंट प्राप्त करने का पूरा अधिकार है।

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