अगला लोकसभा चुनाव होगा Modi बनाम केजरीवाल, दो से तीन दिन होगी मेरी भी गिरफ्तारी – मनीष सिसोदिया

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): सीबीआई (CBI) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आवास पर छापेमारी के एक दिन बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने आज (20 अगस्त 2022) कहा कि तलाशी का दिल्ली की शराब नीति (Alcohol Policy) से कोई लेना-देना नहीं है और केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को रोकने के लिये लगातार चाल चल रही है, जिसके तहत ये छापेमारी उसका हिस्सा भर है।

भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप से सख्ती से इनकार करते हुए सिसोदिया ने कहा कि आबकारी नीति (Excise Policy) को लागू करने में कोई घोटाला नहीं हुआ है और साथ ही दावा किया कि मोदी सरकार (Modi government) ने सीबीआई को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया क्योंकि वो दिल्ली में केजरीवाल सरकार में मंत्री हैं।

बता दे कि बीते शुक्रवार (19 अगस्त 2022) को सीबीआई अधिकारियों ने उनके घर और 30 अन्य ठिकानों पर दर्ज एफआईआर (FIR) की बुनियाद पर छापेमारी की थी, जिसमें सिसोदिया समेत दिल्ली सरकार के कई अधिकारियों पर आबकारी नीति 2021-22 से जुड़े फैसले लेने के लिये सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना घोटाला करने के मकसद से फैसला लेने का आरोप लगाया गया था। साथ ही एफआईआर में टेंडर के बाद लाइसेंसधारियों को गैरकानूनी तरीके से फायदा पहुँचाने का भी जिक्र किया गया है।

सीबीआई की कार्रवाई के एक दिन बाद मीडिया से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली आबकारी नीति – जिसे वापस ले लिया गया है – उसे पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया गया था और ये देश की सबसे अच्छी नीति है। सिसोदिया ने दावा किया, कि “अगर दिल्ली एलजी ने नीति को नाकाम करने की साजिश में अपना फैसला नहीं बदला होता तो दिल्ली सरकार को हर साल कम से कम 10,000 करोड़ रूपये का राजस्व मिलता।”

सिसोदिया ने कहा कि मुद्दा शराब या आबकारी घोटाले का नहीं है, बल्कि मुद्दा ये है कि केंद्र सरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता को लेकर परेशान है। इस पर सिसोदिया ने कहा कि, “उनकी (भाजपा) समस्या अरविंद केजरीवाल हैं। मेरे खिलाफ की गयी कार्यवाही, मेरे घर और कार्यालय पर छापेमारी अरविंद केजरीवाल को रोकने के लिये है। मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है। मैं सिर्फ दिल्ली का शिक्षा मंत्री हूं।”

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि केंद्र भारतीय राजनीति में केजरीवाल के बढ़ते कद को लेकर चिंतित है, खासकर हाल के पंजाब चुनावों में आप की प्रचंड जीत के बाद। इस मामले पर सिसोदिया ने कहा कि, “ये [छापे] केजरीवाल को रोकने के लिये बुनी गयी स्क्रिप्ट का एक हिस्सा है, जो कि एक राष्ट्रीय विकल्प के रूप में उभर रहे हैं।”

दिल्ली के मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में केजरीवाल के काम की दुनिया भर में तारीफ हुई है और केंद्र सरकार मुख्यमंत्री की विश्वसनीयता को कम करने के लिये उनके मंत्रियों पर लगातार निशाना साध रही है।

सिसोदिया ने कहा, “सत्येंद्र जैन [दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री] पहले से ही जेल में हैं, मुझे भी 2-3 दिनों में गिरफ्तार कर लिया जायेगा … ये शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम रोकने की साजिश है।” सिसोदिया ने सीबीआई छापों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वो केजरीवाल द्वारा “मेक इंडिया नंबर 1 अभियान” की घोषणा के दो दिन बाद बदले की भावना के चलते सीबीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सिसोदिया ने आरोप लगाया कि, “केजरीवाल और मोदी के बीच अंतर ये है कि केजरीवाल अच्छे काम करने वाले लोगों से सीखते हैं, मोदी जी उनसे बेहतर काम करने की कोशिश करने वालों को रोकने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को दोहराया कि सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिये ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बीजेपी और आप के बीच सीधा मुकाबला होगा। आप के वरिष्ठ नेता ने कहा कि, “अब तक लोग मोदी बनाम कौन पूछते थे… अब लोग केजरीवाल को मौका देने के लिये दृढ़ हैं।”

बीते शुक्रवार (19 अगस्त 2022) को AAP ने सिसोदिया के खिलाफ छापे की कड़ी निंदा की थी, केजरीवाल ने दावा किया था कि एजेंसी को आप नेताओं को परेशान करने के लिये ऊपर से आये बेबुनियादी फरमानों को मान रही है।

दूसरी ओर भाजपा ने दिल्ली सरकार से अपनी आबकारी नीति पर सफाई देने को कहा। आप नेता के घर, आईएएस अधिकारी और पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्णा (Former Excise Commissioner Arva Gopi Krishna) के घर और 29 अन्य ठिकानों पर 15 घंटे की तलाशी तब हुई जब सीबीआई ने कथित भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने के लिये दिल्ली की नयी आबकारी नीति को लागू करने से जुड़े मामले में प्राथमिकी दर्ज की। बता दे कि इस नीति को पिछले नवंबर में लाया गया था।

विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गयी आबकारी नीति 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर को लागू किया गया था और इसके तहत निजी बोलीदाताओं को शहर भर में 32 इलाकों में बांटे गये 849 दुकानों के लिये खुदरा लाइसेंस जारी किये गये थे। हालांकि इस नीति के तहत शहर के गैर-अनुरूप क्षेत्रों में स्थित होने के कारण कई शराब स्टोर नहीं खुल पाये। मास्टर प्लान के उल्लंघन के लिये नगर निगमों द्वारा ऐसे कई ठेकों को सील कर दिया गया था।

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Lieutenant Governor VK Saxena) ने पिछले महीने आबकारी नीति 2021-22 को लागू करने में हुई कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था।

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