भाजपा को हराने के लिए नक्सलियों की मदद ले रही ममता बनर्जी- दिलीप घोष

नई दिल्ली (ब्यूरो) मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, और दिल्ली हारने के बाद बीजेपी (BJP) आने वाले बिहार और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों (Bihar and West Bengal Assembly Elections) में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। इसीलिए भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) काफी समय से वहां पर पार्टी के लिए जमीन तैयार करने में जुटे हुए हैं। कैलाश वर्गीय के साथ-साथ पश्चिम बंगाल (West Bengal) भाजपा प्रमुख दिलीप घोष (Dilip Ghosh) भी चुनावी जोर आजमाइश में लगे हुए हैं।

पश्चिम बंगाल में भाजपा का सीधा मुकाबला तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) से है ‌। भाजपा का मौजूदा राजनीतिक रवैया (Political attitude) ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के प्रति काफी आलोचनात्मक (Critical) है। सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के बाद तो हालात और भी संवेदनशील (Sensitive) हो गए हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष के एक बयान ने आग में घी का काम कर दिया है। दिलीप घोष ने ममता बनर्जी को घेरते इल्ज़ाम लगाया कि, भाजपा से चुनावी टक्कर लेने के लिए वह (ममता बनर्जी) टीएमसी में नक्सलियों (Naxalites) को शामिल कर रही है।

गौरतलब है कि हाल में ही कुछ दिन पहले छत्रधर महतो (Chhatradhar Mahato) ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता (Membership) ली है। छत्रधर महतो नक्सली समूह पीपुल्स कमेटी अगेंस्ट पुलिस एट्रोसिटीज (People’s Committee Against Police Atrocities) से जुड़ा रहा है। दिलीप घोष ने कहा कि जंगलमहल इलाके में तृणमूल का वोट बैंक शिफ्ट हो रहा है, जिसे बचाने के लिए ममता बनर्जी की ओर से यह सियासी कवायद अंजाम दी गई है।

तृणमूल कांग्रेस को खुली चेतावनी देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि- सूबे में जिस तरह से भाजपा का विस्तार (BJP’s expansion) हो रहा है, उससे ममता बुरी तरह बौखला गई है। जनाधार बचाने के लिए नक्सलियों को कार्यकर्ता बना रही हैं। नक्सली और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही भाजपा को पश्चिम बंगाल में आने से नहीं रोक पाएंगे।

बीते मंगलवार तृणमूल कांग्रेस के महासचिव ने कहा था कि- अगर छत्रधर महतो टीएमसी में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। हालांकि महतो ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। पश्चिम बंगाल का जंगल महल इलाका आदिवासी बहुल (Tribal dominated) है। ऐसे में टीएमसी का यह सियासी दांव कुछ बड़े राजनीतिक उलटफेर कर सकता है। हालांकि इस इलाके में भाजपा की गहरी पैठ है।

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