Mali Community Protest: सड़कों पर उतरे माली समुदाय के प्रदर्शनकारी, उठायी 12 फीसदी आरक्षण की मांग

न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): Mali Community Protest: सरकारी नौकरियों में 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर माली समुदाय के लोग सड़क पर उतर आये हैं। प्रदर्शनकारियों ने आज (22 अप्रैल 2023) राजस्थान के भरतपुर में जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग (Jaipur-Agra National Highway) पर चक्का जाम कर दिया। बढ़ते विरोध के बीच भरतपुर (Bharatpur) प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिये तीन तहसीलों में 24 घंटे के लिये इंटरनेट सेवा बंद कर दी है।

मामले को लेकर भरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने कहा कि, “विरोध जारी है। हमने वैर, नदबई और भुसावर (Nadbai and Bhusawar) तहसीलों में 24 घंटे के लिये इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी हैं।”

बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बीच राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम से बचने के लिये सेवर क्रॉसिंग से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है।

बीते शुक्रवार (21 अप्रैल 2023) को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया था। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस के गोले दागे। बता दे कि माली समुदाय ओबीसी (OBC) के तहत आता है और अब माली समुदाय के लोग अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वो शुक्रवार को हाईवे जाम करेंगे।

आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने हाईवे से जुड़े बल्लभगढ़ (Ballabhgarh), हलैना, वैर, अरौंदा और रामसपुर गांवों में सड़क पर बैरिकेड्स लगा दिये, ताकि आंदोलनकारी मुख्य सड़क तक न पहुंच सकें। खास बात ये है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) भी माली समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने बीते शुक्रवार जयपुर (Jaipur) में एक बैठक की, जिसमें माली समाज के प्रतिनिधियों से बातचीत की गयी। सामने आये आधिकारिक बयान के मुताबिक, सैनी समुदाय के प्रतिनिधियों ने बैठक के दौरान 12 प्रतिशत आरक्षण, अलग लव कुश कल्याण बोर्ड के गठन, समुदाय के बच्चों के लिये छात्रावास की सुविधा से जुड़ी हुई मांगें जोर-शोर से उठायी।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने महात्मा ज्योतिबा फुले (Mahatma Jyotiba Phule) कल्याण बोर्ड बनाने का ऐलान किया और महात्मा ज्योतिबा फुले दिवस पर 19 अप्रैल को राजकीय अवकाश घोषित किया गया। माली समुदाय ने जून 2022 में भी इसी तरह का विरोध किया था, जिसे आश्वासन के बाद शांत करवा दिया गया था।

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