शुरू हुआ G-20 का महाकुंभ, पीएम मोदी ने ग्लोबल लीडर्स के सामने कहा- नयी सदी की नयी चुनौतियों मिलकर करना होगा सामना

नई दिल्ली (प्रत्यंगिरा घोष): भारत 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। वैश्विक नज़रिये से ये G20 के लिये बड़ा ऐतिहासिक मोड़ हो सकता है। भारत समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्य-उन्मुख और निर्णायक G20 की अगुवाई कर सकता है। आज (9 सितंबर 2023) जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन से पहले दुनिया भर से वैश्विक नेता राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) पहुंचे चुके हैं।

शिखर सम्मेलन सेन्ट्रल दिल्ली के प्रगति मैदान में अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर (Bharat Mandapam Convention Center) में आयोजित किया जायेगा। शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) और कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) सहित अतिथि शामिल होंगे।

चूंकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आज ग्लोबल लीडर्स की मौजूदगी में 18वें जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिये तैयार हो रही है, इसलिए ये देखना काफी अहम है कि इसके एजेंडे में क्या है। शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ के 30 से ज्यादा राष्ट्राध्यक्ष, शीर्ष अधिकारी, आमंत्रित अतिथि देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। भारत 9-10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नवनिर्मित भारत मंडपम में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए 21वीं सदी की अहमियक पर जोर दिया, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये युग एक नई दिशा तय करने का मौका पेश करता है, खासकर जब लंबे समय से चली आ रही चुनौतियाँ नये नवेले समाधानों की मांग करती हैं। मोदी ने इन जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिये मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का आग्रह करते हुए कहा कि जिस तरह दुनिया कोविड-19 पर काबू पाने के लिये एकजुट हुई, उसी तरह इन संघर्षों से पैदा हुई विश्वास की कमी को भी पाट सकता है।

जी20 अध्यक्ष के तौर पर अपनी भूमिका में प्रधानमंत्री मोदी विश्वव्यापी सहयोग और विश्वास निर्माण की अपील की। वो आर्थिक असमानताओं से लेकर सुरक्षा खतरों तक वैश्विक चुनौतियों का मिल जुलकर समाधान निकालने की जरूरतों पर जोर देते हैं और साझा प्रगति के लिये एकता की क्षमता पर भी उन्होनें रौशनी डाली।

बता दे कि इस दौरान कोमोरोस के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अज़ाली असौमानी ने संयुक्त राष्ट्र नेतृत्व की भूमिका निभायी।

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