Lifestyle: जमीन पर सोने के होते है कई फायदें, दूर होती है कई बीमारियां

Lifestyle: पुराने जमाने मे ऋषि- मुनि देसी गौवंश के गोबर और गोमूत्र से लीपी जमीन पर सोते थे और वो कभी भी बीमार नहीं होते थे तथा उनकी आयु भी बहुत लंबी होती थी। जमीन पर सोने के पीछे एक वैज्ञानिक आधार काम करता है। उसको हम गुरुत्वाकर्षण बल कहते है और शरीर में इसको अपान प्राण कहते हैं। अपान प्राण का काम होता है शरीर को ऊर्जा की मदद से बांधकर रखना और शरीर के सभी रोगो को अपनी ताकत से रोके रखना।

ठीक इसी प्रकार पृथ्वी का भी अपना एक प्राण होता है, जिसको हम गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) के नाम से जानते हैं। पृथ्वी हर अपनी चीज़ को अपनी तरफ खींचती है तथा अपनी गुरुत्व शक्ति से बांध कर ही रखती है। जब आप पृथ्वी की सतह से ऊपर पलंग या चारपाई पर सोते है तो पृथ्वी अपने बल की मदद से आपको नीचे की ओर खींचती है, साथ ही शरीर का अपान प्राण (Apan Prana) आपको अपनी तरफ खींचता है।

जब हम सो जाते है तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल और शरीर के प्राण बल के बीच बड़ी ही कशमकश और खींचतान होती है। इस खींचतान में शरीर की बहुत ज्यादा ऊर्जा की खपत होती है। जब सुबह हम उठते हैं तो बहुत ही थकान सी महसूस होती हैं। बदन में भी दर्द सा महसूस होता है चक्कर से भी आने महसूस होते हैं। इसके अलावा पलंग गद्दे और शरीर के बीच मे जो खाली जगह होती है जैसे गर्दन और कमर के हिस्से वहाँ पर भी खींचतान के कारण दर्द शुरू हो जाता है।

गर्दन मे सरवाईकाल और कमर मे दर्द जिसको बैकपेन भी कहते है भयंकर रूप से शुरू हो जाता है। आप जमीन पर या फर्श पर सोते हैं तो आपको सर्वाइकल (Cervical), कमर दर्द, चक्कर आना तथा स्लिपडिस्क (Slip Disc) जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा। इसको बात को आप एक उदाहरण की मदद से समझ सकते हैं। अगर सोते वक्त आपका हाथ पलंग या चारपाई से 2 घंटे के लिये बाहर लटक जाये तो आपका हाथ बहुत देर तक सीधा ही नहीं होता है और इसमें दर्द भी बना रहता है। इसका मुख्य कारण है कि धरती आपके हाथ को अपनी तरफ नीचे को खींचती है तथा पलंग चारपाई उसको ऊपर रोके हुए है, इसी खींचतान में हाथ पर बहुत ही ज्यादा जोर पड़ता है।

ठीक इसी तरह पूरे शरीर पर रात भर जोर पड़ता है, जिससे आपका शरीर बहुत ज्यादा ऊर्जा की खपत करता है। अगर आप जमीन पर सो जाते हो तो आपका शरीर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल में मिल जाता है और शरीर को कोई भी ऊर्जा रात को खपत नहीं करनी पड़ती है। शरीर उसी तरह काम करता है, जिस तरह एक कार को रात भर एसी ऑन करके छोड़ दो तो कार रात भर मे तेल भी ज्यादा खायेगी और गरम भी होगी तथा खराब भी जल्दी जल्दी होगी। अगर कार नॉर्मल स्टार्ट है तो न गरम होगी और न ही तेल ज्यादा खाएगी।

इसीलिए अगर आप लंबी आयु बिना किसी बीमारी के जीना चाहते हैं तो आपको जमीन पर ही सोना चाहिए। जमीन पर सोने से जमीन के अंदर से निकलने वाली किरणें शरीर मे होने वाले विकारों को दूर करती है। रात को जमीन से निकलने वाली चुम्बकीय किरणों से शरीर ऊर्जा लेता है तथा दिन मे सूर्य की किरणों से ऊर्जा लेता है। यही वज़ह है कि मात्र एक गिलास दूध पीकर जमीन पर पूरी रात आप चैन से सो सकते है। आपको भूख नहीं लगेगी जबकि पलंग या चारपाई पर भर पेट भोजन खाने के बाद भी आपको सुबह सुबह भूख लगेगी।

शारीरिक श्रम मुक्त जीवनशैली में रात को भरपेट भोजन के बाद फिर सुबह सुबह भूख लगने पर फिर नाश्ता किया गया तो उस भोजन का पाचन नहीं होने के कारण उल्टा कई तरह की बीमारियां हो सकती है। हम लोग बड़े बुजुर्गों की परंपरागत तरीके से चलने वाली जीवनशैली अपनाये बिना कभी भी रोगों से मुक्त नहीं हो सकते, हमारी पूरी की पूरी दिनचर्या खान-पान रहन-सहन जीवन शैली बिगड़ गयी है।

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