Cervical Cancer Vaccine: देश को मिली सर्वाइकल कैंसर की पहली स्वदेशी वैक्सीन, जानें इसके बारे में

हेल्थ डेस्क (यामिनी गजपति): सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से बचाव के लिये भारत की पहली क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (QHPV- Quadrivalent Human Papillomavirus Vaccine) पर बीते बुधवार (15 जून 2022) ड्रग रेगुलेटर की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC- subject expert committee) ने विचार किया। इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII- Serum Institute of India) ने तैयार किया है। कंपनी ने इसे बाजार में उतारने की मंजूरी के लिये आठ जून को इसका आवेदन डीजीसीआई (DGCI) को किया गया था।

इस वैक्सीन के फेज 2 और 3 का क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) किया जा चुका है। अगर इस वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो ये देश के लिए बड़ी बात होगी। अब तक सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन के लिये दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। सरकार इस वैक्सीन को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है।

इसके तहत 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों को कैंसर से बचाने के लिये ये टीके लगाये जा सकते हैं। अभी सर्वाइकल कैंसर का टीका सिर्फ निजी अस्पतालों में उपलब्ध है, और वो भी बहुत महंगा है। इसकी एक खुराक की कीमत 4,000 रूपये तक है। इस प्रकार के कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता भी बहुत कम है।

जाने आखिर क्या है सर्वाइकल कैंसर?

सर्वाइकल कैंसर एक तरह का कैंसर है, जो कि गर्भाशय ग्रीवा (Uterine Cervix) की कोशिकाओं में होता है, ये गर्भाशय का निचला हिस्सा जो योनि से जुड़ता है। ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV-Human Papillomavirus) कई कारणों से इंसानी शरीर में फैलता है, जिनमें से ज़्यादातर यौन संचारित संक्रमण (Sexually Transmitted Infection) सर्वाइकल कैंसर पैदा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। वायरस के संपर्क में आने पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली आमतौर पर वायरस को नुकसान पहुंचाने से रोकती है।

हालांकि कुछ मामलों में ह्यूमन पेपिलोमावायरस सालों तक इंसानी शरीर में जिंदा रहता है और इस प्रक्रिया में योगदान देता है जिससे कुछ गर्भाशय ग्रीवा कोशिकायें कैंसर कोशिकाओं में तब्दील हो जाती हैं। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर बड़ी बीमारी है। ये 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में स्तन कैंसर (Breast Cancer) के बाद भारत में दूसरा सबसे आम कैंसर है।

ये महिलाओं के सर्वाइकल सेल्स को नुकसान पहुंचाता है। सर्विक्स गर्भाशय (Cervix Uterus) के नीचे का छोटा सा हिस्सा होता है। गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर आमतौर पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है। भारत में हर साल लगभग 80,000 से 90,000 सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं, जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को उम्मीद है कि इस साल के आखिर तक इस स्वदेशी सर्वाइकल वैक्सीन को बाजार में उतारा जा सकता है। इस वैक्सीन का नाम CERVAVAC है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रायल के दौरान इसका काफी अच्छा असर देखने को मिला है। सभी उम्र की महिलाओं में एचपीवी वायरस के प्रति एंटीबॉडी प्रतिक्रिया (Antibody Response) बेसलाइन से 1000 गुना अधिक देखी गयी है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

शुरूआती चरणों में सर्वाइकल कैंसर के आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि जब ये एड़वांस स्टेज में पहुँचता है तो इसके लक्षण उभरने शुरू हो जाते हैं।

1. संभोग के बाद, मासिक धर्म के बीच या रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद योनि से खून बहना।

2. पानीदार, खूनी योनि स्राव (Bloody Vaginal Discharge) जो काफी ज़्यादा हो सकता है और जिसमें दुर्गंध हो सकती है।

3. पैल्विक दर्द (Pelvic Pain) या संभोग के दौरान दर्द।

सर्वाइकल कैंसर की किस्में

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा

इस तरह का सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा के बाहरी हिस्से की पतली, सपाट कोशिकाओं (Squamous Cells) में ये फैलना शुरू होता है, जो योनि में प्रोजेक्ट करता है। ज़्यादातर सर्वाइकल कैंसर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma) होते हैं।

एडिनोकार्सिनोमा

इस प्रकार का सर्वाइकल कैंसर कॉलम के आकार की ग्रंथियों की कोशिकाओं में शुरू होता है, जो कि सर्वाइकल कैनाल को लाइन करती हैं।

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