Kisan Andolan: किसानों के मुद्दे पर केन्द्र को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा मामले का अब तक हल क्यों नहीं?

नई दिल्ली (शौर्य यादव): किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के मामले में आज सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए लताड़ लगाई। माननीय सर्वोच्च न्यायालय (Honorable Supreme Court) ने आठ दौर की बैठकों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से पूछा मामले पर अब तक कोई निष्कर्ष क्यों नहीं निकाला गया। केंद्र सरकार अब तक गतिरोध क्यों नहीं खत्म कर पायी। दोनों पक्षों के बीच वार्ता के दौरान केंद्र सरकार किन कारणों से गतिरोध खत्म कराने विफल (Failed) रही है। सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने कहा कि, आंदोलन में किसान जान के हाथ धो रहे है। इन कानून पर सरकार फिलहाल के लिए  रोक लगाये या फिर हमें ही अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए  इसे फिलहाल के लिए रोकना होगा।

इस दौरान मुख्य न्यायधीश ने कहा कि- न्यायालय आंदोलन को रोकना नहीं चाहता। किसान इस जारी रख सकते है। कोर्ट सिर्फ इतना सरोकार रखती है कि अगर कानून लागू होने से रूक जाता है तो क्या आंदोलनकारी अपना बदल देगें। अगर किसानों के साथ कुछ गलत होता है तो उस पर हम सबकी ज़वाबदेही बनती है। हम चाहते है कि मामले की हल समिति निकाले। हम किसी की मौत का इल्ज़ाम अपने हाथों में नहीं ले सकते, पर हम किसी को भी धरना-प्रदर्शन करने से रोक नहीं सकते। न्यायालय सरकार की ये दलील कतई मनाने को तैयार नहीं है कि इसे किसी और सरकार ने शुरू किया। कोर्ट सिर्फ इतना जानना चाहता है कि इसका कैसे और किस तरह निकाला जा रहा है। हालातों पर काबू पाने के लिए केन्द्र का मौजूदा रवैया संतोषजनक नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि, कुछ दलीलें ऐसी भी सामने आ रही है कि, जिसमें इस कानून को बेहतर बताया गया। हम कृषि मामलों के जानकार नहीं है। रोजाना स्थितियां गंभीर होती जा रही है। ठंड और मौसम की चपेट में आकर लोग मर रहे है। धरना स्थल पर बुर्जुग और महिलायें बैठे है। इतनी ठंड में उनका बैठने की क्या मज़बूरी हो सकती है। इस मामले पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन होना चाहिए। तब तक के लिए सरकार कानूनों को लागू होने से रोक वरना हम अपनी तरफ से वाज़िब कार्रवाई करेगें। हम ये नहीं कहते कि कानून वापस लिये जाये। हम तो ये जानना चाहते है कि कानून के विरोध में उपजे हालातों को केन्द्र सरकार कैसे संभाल रही है। इस दलील को भी नहीं मंजूर किया जा सकता है कि, इस मसले का हल कोर्ट में ही निकाला जा सकता है। न्यायालय चाहता है कि मामला बातचीत से सुलझे। फिलहाल हमें समझ नहीं आ रहा है कि केन्द्र सरकार किसका हिस्सा है समस्या का या समाधान का ?

ये खब़र फिलहाल अपडेट हो रही है। पूरी खबर के लिए कृपया टैड्रीं न्यूज़ रिफ्रेश करते रहे।

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