14 जनवरी को China होगा बेनकाब, जब पहुँचेगी WHO की टीम

एजेसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): चीन (China) कई मामलों में बेहद गोपनीयता बरतता है। जिसके चलते उसके परमाणु कार्यक्रम, हथियारों और आंतरिक नीतियां के बारे में अंतरराष्ट्रीय जगत ढंग से जान नहीं पाता। मात्र कयासों के आधार पर ही खबरें सामने आ पाती हैं। अब चीन की ये दादागिरी नहीं चलने वाली, खासतौर से कोरोनावायरस के संक्रमण केंद्र के वुहान के बारे में चीन ने काफी जानकारियां दुनिया से छिपाई है। जिसका अब जल्द ही खुलासा होने वाला है। बढ़ते वैश्विक दबाव के कारण चीन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को वुहान में दौरे के लिए मंजूरी दे चुका है। जिसके बाद संक्रमण से जुड़े मामलों पर नए खुलासे हो सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों टीम वुहान के आसपास के इलाके का निरीक्षण करेगी, साथ ही जरूरत पड़ने पर सैंपल इकट्ठे भी किए जा सकेंगे। जिसके जैविक आंकड़ों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा। न्यूज़ एजेंसी एएफपी के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन का जांच दस्ता आगामी 14 जनवरी को वुहान पहुंचेगा। हालांकि बीजिंग की ओर से अभी इस बात आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है कि, वह जांच दस्ते को इलाके के निरीक्षण के लिए इजाजत देगा या नहीं। इस मसले पर चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उप प्रमुख ने ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन से आने वाले जांच दस्ते के निरीक्षण के लिए समय निर्धारित नहीं किया गया है और ना ही अभी इस पर औपचारिक चर्चा हुई है।

इस मामले में चीनी पक्ष के रवैये को देखते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडहैनम घेब्रयेसिस (WHO Head Tedros Adhanum Ghebreyesis) ने भारी निराशा जतायी थी। उनके मुताबिक इस काम के लिए सभी विशेषज्ञ अपने अपने मुल्कों से चीन के लिए रवानगी की तैयारी कर चुके हैं। जांच दल के लोग चीन और डबल्यूएचओ के बीच पुल का काम करेगें। हाल ही में कुछ दिन पहले बीजिंग ने वुहान से संक्रमण फैलने की थ्योरी को डब्ल्यूएचओ और टेड्रोस एडहैनम घेब्रयेसिस की गलतफहमी करार दिया था। इससे पहले बीजिंग ने जांच दस्ते को वीजा नियमों का हवाला देकर रोकने की कोशिश की थी। निरीक्षण के दौरान जांच दल के विशेषज्ञों के साथ उनके चीनी समकक्ष मौजूद रहेगें। दिलचस्प है कि चीन पर नरमी बरतने को लेकर अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिये जाने वाले फंड पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद पूरी दुनिया में डब्ल्यूएचओ की कार्य प्रणाली, पारदर्शिता, समग्र मूल्यांकन और निष्पक्षता पर बड़े सवालिया निशान लगे थे।

गौरतलब है कि कोरोनावायरस का पहला मामला आधिकारिक तौर पर साल 2019 में वुहान के पशु बाजार वाले इलाके में मिला था। जिसके बाद तक कोरोना वायरस का संक्रमण बेहद तेजी से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैलता चला गया। खास बात यह भी है कि, इस मामले की रिपोर्टिंग करने वाली महिला पत्रकार को चीनी हुक्मरानों ने गायब करवा दिया। साल 2021 का जश्न चीन ने काफी जोर-शोर से मनाया। इस दौरान वहां पर किसी के चेहरे पर महामारी के संक्रमण की शिकन तक नहीं देखी गयी। ऐसे में चीन पर दुनिया का शक गहराता जा रहा है। कुछ लोग इसे चीन द्वारा छेड़ा गया जैवकीय युद्ध (Biological warfare) मानते हैं।

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