Shinzo Abe Murder: शिंजो आबे की याद में 9 जुलाई को भारत मानयेगा राष्ट्रीय शोक दिवस: पीएम मोदी

न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): भारत ने पूर्व जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे (Former Japanese Prime Minister Shinzo Abe) के सम्मान में 9 जुलाई को एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया। जिन्हें पश्चिमी जापान के नारा शहर (Nara city in western Japan) में भाषण देने के दौरान आज (8 जुलाई 2022) को गोली मार दी गयी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आबे के दुखद निधन पर दुख ज़ाहिर किया और ट्वीट कर लिखा कि “पूर्व प्रधान मंत्री शिंजोआबे के प्रति हमारे गहरे सम्मान के प्रतीक के तौर पर 9 जुलाई 2022 को एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक मनाया जायेगा।”

पीएम मोदी (PM Modi) ने आगे लिखा कि, “मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे के दुखद निधन पर स्तब्ध और दुखी हूं। वो महान वैश्विक राजनेता और बेहतरीन प्रशासक थे। उन्होंने जापान को बनाने के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया”

बता दे कि हमले के बाद आबे को अस्पताल ले जाया गया और शुरूआती मीडिया रिपोर्टों में अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया कि ऐसा लगता है कि पूर्व जापानी पीएम (Former Japanese PM) को सीने में गोली मारी गयी थी। उन्होंने मौजूदा हालातों को “कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट” बताया। साथ ही कहा कि शिंजो के शरीर में जीवन का कोई संकेत नहीं दिख रहा है।

पब्लिक ब्राडकास्टर एनएचके ने बाद में सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (Liberal Democratic Party) के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि आबे की मृत्यु हो गयी थी। नारा मेडिकल यूनिवर्सिटी अस्पताल (Nara Medical University Hospital) के अधिकारियों के मुताबिक आबे की शाम 5:03 बजे (स्थानीय समयानुसार) मृत्यु हो गयी और उनकी गर्दन में दो गोलियां लगीं।

जापानी पुलिस ने अबे को गोली मारने के आरोप में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है, जिसकी शिनाख़्त नारा शहर के रहने वाले 41 वर्षीय तेत्सुया यामागामी (Tetsuya Yamagami) के तौर पर हुई। जापान में संसद के ऊपरी सदन के लिये रविवार को होने वाले चुनाव से पहले उसने एक बंदूक जो हाथ से बनाई गयी थी, मौके से बरामद की गयी, जहां अबे एक उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने भी इस दुर्भाग्यपूर्ण मौके पर दुख ज़ाहिर किया और अपने ट्विट में लिखा कि “जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे के निधन से गहरा दुख हुआ। भारत और जापान के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका सराहनीय थी। वो इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) में एक स्थायी विरासत छोड़ गये हैं। उनके परिवार और लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनायें”

जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधान मंत्री रहे आबे ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए साल 2020 में पद छोड़ दिया। वो 2006-07 और फिर 2012-20 तक दो बार जापान के प्रधान मंत्री रहे। जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा (Japanese Prime Minister Fumio Kishida) ने देश को अपने लाइव संबोधन में कहा कि, “ये क्षम्य कार्य नहीं है। अधिकारी हालातों को संभालने के लिये उचित उपाय करेंगे।”

किशिदा ने आगे कहा कि आबे को गोली मारने के पीछे के मकसद का पता नहीं चला पाया है। सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए स्थानीय ने ये भी बताया कि आबे को गोली मारने वाला संदिग्ध शख़्स जापानी आत्मरक्षा बलों (Japanese Self Defense Forces) का एक पूर्व सदस्य है। जापानी पीएम ने सभी से अनुरोध किया कि वो किसी भी राजनीतिक असर के बारे में अटकलें न लगायें।

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