Gwalior District: दो लाख लोगों ने एक साथ खाया भंडारा, सीमेंट-कंक्रीट मिक्सर में बना प्रसाद

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले (Gwalior District) से 41 किलोमीटर दूर घाटीगांव के सिरसा गांव में गुर्जर समुदाय (Gujjar Community) भगवान देवनारायण का 1111वां उत्सव मनाया गया। आगरा-मुंबई हाईवे (एबी रोड) के पास इस जगह पर भंड़ारे में हिस्सा लेने के लिये बच्चों और बुजुर्गों की भारी भीड़ जमा हुई। मौके पर घी की खूशबू से माहौल सराबोर रहा।

बर्तनों की जगह सीमेंट-कंक्रीट मिक्सर का इस्तेमाल करके कैटरर्स की ओर से भंडारा तैयार किया गया था, और इसे भक्तों को परोसने से पहले ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर लाद दिया गया। सिरसा, महरामपुरा, घेंघोली और रेन्हाट (Ghengholi and Reinhat) आस-पास के कुछ गाँव थे जिन्होंने भंडारा बनाने के लिये दिल खोलकर दान दिया।

इस उत्सव के दौरान लगभग हर दिन घी, 3000 किलो चीनी, 6000 किलो आलू, 2000 किलो चावल और 3500 किलो गेहूं के आटे की सप्लाई की जाती है। इसके अलावा खीर में इस्तेमाल होने वाले दूध की सप्लाई आसपास के गांववाले करते आये है। 7 दिवसीय उत्सव के आखिर दिन आयोजित भंडारे में 10,000 किलो से ज्यादा चीनी, 10,000 किलो आलू, 6000 किलो चावल और 50,000 किलो आटे की खपत देखी गयी।

साथ ही बर्तनों की जगह ईंट-सीमेंट की टंकियों में सब्जी और खीर रख दी जाती है। बड़ी मात्रा में प्रसाद बनाने के लिये 100 से ज्यादा हलवाईयों ने एक साथ काम किया। उत्सव के आखिरी दिन करीब दो लाख लोगों ने भंडारा प्रसादी (Bhandara Prasadi) ग्रहण की।

महंत शीतल दास महाराज (Mahant Sheetal Das Maharaj) के मुताबिक ग्वालियर-चंबल संभाग (Gwalior-Chambal Division) के गुर्जर समाज के भगवान देवनारायण (God Devnarayan of Gurjar Samaj) के अवतरण उत्सव के सम्मान में आयोजित कथा और भंडारे के लिये खासा दान हासिल किया गया था। इस धार्मिक कार्य के लिये अन्य समाजसेवियों, नेताओं और नियमित लोगों ने भी अपनी श्रद्धा के अनुसार धन और अन्य वस्तुयें भेंटस्वरूप दी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बीते शनिवार (28 जनवरी 2023) को राजस्थान (Rajasthan) के भीलवाड़ा के मलसेरी गांव (Malseri Village of Bhilwara) में भगवान देवनारायण की जन्मस्थली का दौरा किया। भगवान देवनारायण के 1111वें अवतरण पर्व के अवसर पीएम मोदी ने कहा कि भगवान देवनारायण शक्ति अवतार थे, जिन्होंने अत्याचारियों से हमारे जीवन और हमारी संस्कृति की रक्षा की।

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