Khalistan: खालिस्तान आंदोलन की गोद में फलता फूलता भारत और हिंदू विरोधी नैरेटिव

Khalistan: भारतीय पिछले कुछ दशकों से दुनिया के कई देशों में बस गये हैं, कई ताकतें उन्हें कामयाब होने से पीछे खींचने में लगी हुई है। ऐसा ही एक संगठन ऑस्ट्रेलिया (Australia) में सामने आया है, जिसने कई हिंदुओं की शांति भंग की और भारतीयों पर हमला किया।

अतीत में हिंसा की वारदातों के कारण कई मुल्कों में प्रतिबंधित होने के बावजूद ये संगठन अपने नाम में ‘न्याय’ शब्द लगाये हुए है। हम जिस संगठन के बारे में बात कर रहे हैं उसका नाम सिख फॉर जस्टिस (Sikh For Justice) है, जो कि खालिस्तान समर्थक समूह है, ये हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का प्रचार करता है।

सिख फॉर जस्टिस को 2019 में भारत में प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था, लेकिन इस संगठन ने कई बार भारत में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम दिया और सामाजिक समरसता को नष्ट करने के सैकड़ों षड्यंत्र रचे। सौभाग्य से ये संगठन अपने मंसूबे को कभी पूरा नहीं कर सका।

सिख फॉर जस्टिस असल में भारत में अपने मकसद को पूरा नहीं कर सका, अब ये खालिस्तान के अपने सपने को हासिल करने की कोशिश में ऑस्ट्रेलिया समेत कई विदेशी देशों में फैल गया है। सिख फॉर जस्टिस कई सालों से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बसे हिंदुओं और भारतीयों को आतंकित कर रहा है।

कनाडा, ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड (UK and Switzerland) में हिंदुओं और हिंदू मंदिरों पर हमले के बाद अब सिख फॉर जस्टिस ने रेफरेंडम के नाम पर ऑस्ट्रेलिया में हिंसा फैलाना शुरू कर दिया है। इस जमात से जुड़े लोग ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में कहर बरपा रहे हैं, हिंदुओं की शांति और सद्भाव को भंग कर रहे हैं।

कल (30 जनवरी 2023) मेलबर्न के फेडरेशन स्क्वायर (Melbourne’s Federation Square) पर सिख फॉर जस्टिस से जुड़े लोगों ने जमकर हंगामा किया। सिख फॉर जस्टिस दुनिया भर के सिख समुदाय को भड़का कर खालिस्तान का झूठा सपना दिखा रहा है।

प्रतिबंधित संगठन कई देशों में खालिस्तान के नाम पर जनमत संग्रह कराने का नाटक कर रहा है। ऐसा ही एक जनमत संग्रह मेलबर्न के फेडरेशन स्क्वायर में भी आयोजित किया गया था। हमेशा की तरह इस जनमत संग्रह में आये लोग लाठी-डंडों और हथियारों से लैस थे।

दरअसल खालिस्तान रेफरेंडम (Khalistan Referendum) के नाम पर फेडरेशन स्क्वायर पर भारत विरोधी साजिश रची जा रही थी। इस बीच मेलबर्न में भारतीय समुदाय हाथों में तिरंगा लेकर वंदे मातरम गाते हुए पहुंचा। फेडरेशन स्क्वायर एक सार्वजनिक स्थान है। भारतीय समुदाय के लोग हाथों में तिरंगा लेकर यहां से गुजर रहे थे, इसी दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने रैली पर हमला कर दिया और ये पूरी घटना कैमरे में कैद हो गयी।

सिख फॉर जस्टिस के खालिस्तानी समर्थकों ने मेलबर्न में ही कई मंदिरों को निशाना बनाया है। मेलबर्न के इस्कॉन मंदिर (Iskcon Temple) में खालिस्तानी समर्थकों ने हिंदू विरोधी नारे लिखे। इसके अलावा शहर के श्री शिव विष्णु मंदिर और श्री स्वामीनारायण मंदिर (Shree Shiv Vishnu Temple and Shree Swaminarayan Temple) में भी इसी तरह के भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारे लिखे गये।

ये पहली बार नहीं है जब खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हमला किया है। नवंबर 2022 में सिख फॉर जस्टिस समूह ने कनाडा में इसी तरह का जनमत संग्रह कराया था। इस जनमत संग्रह की आड़ में खालिस्तानी समर्थकों ने हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया था, इस घटना के बाद काफी हंगामा हुआ था।

चूंकि ऑस्ट्रेलिया में बड़ी आबाद हिंदू और सिख समुदाय है, इसलिये ये चौथा देश बन गया है, जहां सिख्स फॉर जस्टिस ने हिंसा के जरिये अपना एजेंडा फैलाने की कोशिश की है।

ऑस्ट्रेलिया के अखबार द ऐज ने ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या को लेकर एक आंकड़ा पेश किया, जिसके हिसाब से ऑस्ट्रेलिया में 2 लाख 10 हजार सिख और 6 लाख 84 हजार हिंदू रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी जनमत संग्रह करवाकर उन्होंने सिख और हिंदू समुदायों (Sikh and Hindu Communities) के बीच नफरत के बीज बोने की कोशिश की है, जिसका असर हिंसा के रूप में पेश किया जा रहा है।

सह-संस्थापक संपादक : राम अजोर

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