नफरती भाषण मामले में Gangster Mukhtar Ansari के बेटे उमर अंसारी को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने किया मामला रद्द करने से इंकार

न्यूज डेस्क (ओंकारनाथ द्विवेदी): सुप्रीम कोर्ट ने आज (28 जुलाई 2023) उत्तर प्रदेश में 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव अभियान से दौरान भड़काऊ भाषण मामले में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी (Gangster Mukhtar Ansari) के बेटे उमर अंसारी (Omar Ansari) के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से साफ इनकार कर दिया।

उमर अंसारी अपने विधायक भाई अब्बास अंसारी के साथ नफरती भाषण मामले में आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहा है। उस पर मऊ जिले में एक रैली में मंच साझा करने का आरोप है, जहां उसके भाई ने कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की अगुवाई वाली न्यायिक पीठ ने कहा कि- “हम उस मामले में एफआईआर को रद्द नहीं करेंगे, जहां उच्च न्यायालय ने राहत देने से इनकार कर दिया है। आपको मुकदमे का सामना करना होगा।”

अब्बास अंसारी ने साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) में मऊ सदर सीट (Mau Sadar Seat) से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी)-समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन पर आरोप है कि उन्होंने चुनावी रैली में कहा था कि राज्य में सरकार बनने के बाद पहले छह महीनों तक किसी भी राज्य के अधिकारी का तबादला नहीं किया जायेगा क्योंकि उन्हें उनसे हिसाब बराबर करना है। पहले हिसाब किताब होगा।

सुनवाई के दौरान उमर अंसारी के वकील ने कहा कि, “एक युवा लड़के को सिर्फ इसलिये मुकदमे का सामना करना होगा क्योंकि उसने उस परिवार में जन्म लिया है। इसके अलावा कथित बयान उनकी ओर से जारी नहीं किया गया था।”

याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि जब अदालतें अगली सुनवाई और अन्य कार्यवाहियों के दौरान याचिका पर विचार करेंगी तो उसका आदेश आड़े नहीं आएगा। उमर अंसारी ने अपने खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार करने वाले उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की है।

जनवरी में उच्च न्यायालय ने अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) की उस याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिस मामले में आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गयी थी। बता दे कि  विधायक और उसके भाई उमर और अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 171एफ और 506 (आपराधिक धमकी के लिये सजा) के अर्न्तगत एफआईआर दर्ज की गयी थी। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी थी।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More