Railway के इतिहास में ऐसा हुआ पहली बार, हथियारबंद ज़वानों ने घेरी ट्रेन

न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): भारतीय रेलवे (Railway) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि, जब किसी ट्रेन को निर्धारित स्टॉपेज पर ना रूकवाकर उसे 260 किलोमीटर नॉन-स्टॉप दौड़ाया गया है। इस पूरे मामले के कई किरदार है जिनमें शामिल है। तीन साल की अपहृत बच्ची, राप्ती सागर (Rapti Sagar Express) ट्रेन का रनिंग स्टॉफ, किडनैपर और आरपीएसएफ के ज़वान। झांसी के ललितपुर-आजादपुरा निवासी आशा रैकवार ने जीआरपी के शिकायत तलब की और बताया कि उनकी तीन साल की बच्ची काव्या बीते रविवार सुबह 11 बजे घर के बाहर खेल रही थी, जिसके बाद वो एकाएक गायब हो गयी। अपहृत बच्ची काव्या के पिता ग्वालियर में काम करते हैं। छानबीन में ललितपुर रेलवे स्टेशन (Lalitpur Railway Station) की सीसीटीवी फुटेज सामने आयी, जिसके बाद इस पूरे प्रकरण की पटकथा लिखी गयी।

रेलवे स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि, एक संदिग्ध शख़्स बच्ची काव्या को लिए भोपाल की ओर जा रही राप्ती सागर एक्सप्रेस में सवार हो रहा है। मामले की जानकारी तुरन्त ही भोपाल स्टेशन के कंट्रोल रूम को दी गई। झांसी आरपीएफ के इनपुट्स के आधार पर भोपाल आरपीएसएफ ने आगामी की रणनीति तैयार करते हुए झांसी ललितपुर से भोपाल तक राप्ती सागर एक्सप्रेस को सभी सिग्नल ग्रीन देते हुए नॉन-स्टॉफ दौड़ाया गया। रेलवे पुलिस को ये अन्दाज़ा था कि अगर ट्रेन को बीच में कोई स्टॉपेज दिया जायेगा तो किडनैपर बच्ची को बीच में लेकर फरार हो जायेगा। जैसे ही ट्रेन भोपाल पहुँची तो आरपीएसएफ के हथियारबंद ज़वानों में मोर्चा संभाला लिया, और किडनैपर से बच्ची को सकुशल छुड़ा लिया।

झांसी आरपीएफ इंस्पेक्टर और भोपाल स्टेशन ऑपरेटिंग कंट्रोलर (Bhopal Station Operating Controller) के बेहतरीन तालमेल से इस मामले को सुलझा लिया गया। भोपाल पर जब आरपीएफ और जीआरपी के हथियारबंद ज़वानों ने ट्रेन में सघन तलाशी अभियान (Intensive search operation) शुरू किया तो यात्रियों में थोड़ी घबराहट देखने को मिली। कुछ ही देर में किडनैपर को बच्ची सहित दबोच लिया गया। भोपाल स्टेशन पर इस काम की बागडोर आरपीएसएफ सब इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह रजावत ने संभाल रखी थी। जांच-पड़ताल में सामने आया है कि किडनैपर कोई और नहीं खुद बच्ची का पिता था। इस खुलासे से पुलिस भी हैरत में पड़ गयी। आपसी अनबन के कारण बच्ची का पिता उसे अपने साथ ले जाना चाहता था। इस मामले में जीआरपी ने अगुवाई करते हुए दोनों के बीच सुलह करवायी। खब़र सामने आने पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आरपीएफ और जीआरपी की तारीफ करते हुए कहा कि- रेलवे में बढ़ाई जा रही निगरानी और सुरक्षा के नतीज़े काफी संतोषजनक है।

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