झूठे सियासी विज्ञापनों का बाज़ार और गुजरात की GIFT सिटी

ये तस्वीर देखकर कंफ्यूज मत हो जाइयेगा, हम आज योगी जी की बात नही कर रहे हैं मोदी जी की बात कर रहे हैं, ये तस्वीर भारत में बनाये जाने वाले शंघाई की है…… ऐसी ही झूठी तस्वीरें दिखा दिखा कर गुजरात मॉडल (Gujarat Model) की झूठी कहानी गढ़ी गयी थी।

दुनिया के सामने सबसे पहले ये तस्वीर 2007 में ‘वाइब्रेंट गुजरात’ में गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने पेश की थी। इसे नाम दिया गया था GIFT (Gujarat International Finance Tech City) सिटी।

ये जगह अहमदाबाद से 30 किलोमीटर दूर है, सैकड़ों एकड़ जमीन किसानों से इस सिटी को बनाने के लिये छीन ली गयी और कहा कि साल 2020 तक वहां बड़ी फाइनेंस सिटी (Finance City) बन जायेगी। दुनिया से हर बड़ी फाइनेंस कंपनी आयेगी और इतना बड़ा सेंटर बनेगा कि उसे एशिया का फाइनेंस सेंटर कहेंगे। साल 2020 तक इस गिफ़्ट सिटी से भारत को 11 मिलियन नौकरियां और 425 बिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट मिलेगा।

इस परियोजना के लिये गुजरात अर्बन डवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (Gujarat Urban Development Company Limited - GUDCL) के साथ आईएलएंडएफएस को 50-50 फीसदी पार्टनर बनाया गया।

मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए इस परियोजना पर काम शुरू हुआ। जनवरी 2013 में उन्होंने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी या GIFT में दो में से एक 28 मंजिला टावर का उद्घाटन किया। बाद में दूसरा टॉवर भी बना। इस परियोजना की हकीकत का अंदाजा आप इसी से लगा लीजिये कि ये दोनो टॉवर साल 2019 में नीलामी के लिये बाजार में आ गये क्योंकि आईएल एंड एफएस (IL&FS) दिवालिया हो गया।

उसके दिवालिया होने के बाद संयुक्त उपक्रम समझौते के तहत अब जीयूडीसीएल ने आईएल एंड एफएस से 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है, लेकिन 2020 में आंशिक रूप से पूरी हो जाने ये परियोजना आज पूरी तरह से उजाड़ पड़ी है, सबसे बड़ी दो बिल्डिंग नीलाम हो रही है जबकि यह सिटी 6.2 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्रफल में बसनी थी, ओर ये दावा किया गया था कि प्लान के तहत 886 एकड़ में 124 गगनचुंबी इमारते बनेगी, लेकिन गिनी चुनी इमारतें आज वहां खड़ी हुई है। जिसमें एक अस्पताल है, एक मॉल है, एक विशाल क्लब हाउस है सब खाली पड़ा हुआ है। अधिग्रहित की गयी ज़्यादातर जमीन पर कोई डेवलपमेंट नही हुआ है। पूरी सिटी में रात को कुत्ते के रोने की आवाजें आती रहती है।

गिफ्ट सिटी की विफलता पर गुजरात मे अब कोई बात नही करना चाहता, जनता को बेवकूफ बना कर ऐसे ही बड़े बड़े प्रोजेक्ट के सपने दिखा कर उसके वोट छीने गये हैं, अब ये सबको समझ लेना चाहिये।

साभार – गिरीश मालवीय

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