Tesla प्रोडक्शन यूनिट के साथ Elon Musk भारत में देगें दस्तक, फैक्ट्री बनाने के लिये साइट की तलाश तेज

न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): टेस्ला (Tesla) की एक टीम के भारत आने के कुछ दिनों बाद कंपनी के संस्थापक और सीईओ एलोन मस्क (Elon Musk) ने इशारा दिया है कि वो भारत में इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) की एक नयी फैक्ट्री बनाने के लिये जगह तलाश रहे है। वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिये एक इंटरव्यूह में इलेक्ट्रिक कार निर्माता मस्क ने कहा कि इस साल के आखिर तक एक नये कारखाने के लिये जगह फाइनल कर ली जायेगी। उन्होनें आगे कहा कि भारत में कंपनी का इस तरह के विस्तार के लिए ये अपने आप दिलचस्प प्रस्ताव हो सकता है।

ये पूछे जाने पर कि अभी टेस्ला संयंत्र (Tesla Plant) बनाने के लिये सबसे बेहतरीन मुल्क कौन सा होगा, इस पर मस्क ने कहा, “हमने ऐलान किया था कि मेक्सिको (Mexico) अमेरिका के बाहर हमारी अगली फैक्ट्री होगी। हम पुख़्ता तौर पर इस साल के आखिर तक जगह फाइनल कर लेगें।” ये पूछे जाने पर कि क्या भारत इस कदम का दिलचस्प’ दावेदार होगा, उन्होंने कहा कि, ”बिल्कुल।”

मस्क की इन बातों से पूरी तरह साफ है कि वो इलेक्ट्रिक कार प्रोडक्शन यूनिट लगाने के लिये भारत की ओर गंभीरता से देख सकते हैं। इससे पहले उन्होनें भारत में लालफीताशाही, उच्च आयात शुल्क और चुनौतियों के बावजूद अपनी कारों को यहां लॉन्च करने की इच्छा ज़ाहिर की थी।

सिर्फ एक हफ्ते पहले टेस्ला की टीम ने भारत दौरा करके ना सिर्फ इस चर्चा को मजबूत किया है, जो कि विश्वसनीय भी हो रही है क्योंकि सरकार भी कंपनी को भारत लाने के लिये हर मुमकिन खुली कोशिश कर रही है। इससे पहले टेस्ला कंपनी ने टेस्टिंग के तौर पर देश में कारों को शिप करने के लिये आयात शुल्क में कमी की मांग की थी।

पिछले हफ्ते आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Minister of State for IT and Electronics Rajeev Chandrasekhar) ने मीडिया को बताया कि टेस्ला के हेडक्वार्टर के अधिकारियों ने सरकार के कुछ अंगों के साथ बैठक की, जहां उन्हें यहां निवेश पर विचार करने के लिये प्रोत्साहित किया गया।

अपनी बात आगे बढ़ाते हुए मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि-  “हां, उन्होंने सरकार के साथ बैठकें की थीं। हमने उन्हें बता दिया है कि हम उन्हें भारत में निवेश करते देखना चाहते हैं और हम उनके साथ काम करेंगे क्योंकि वो यहां अपने संयंत्र लगाएंगे। हमने उन्हें बताया कि भारत अब इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों की सप्लाई चैन में सभी  निवेशकों के लिये विश्वसनीय जगह है।”

टेस्ला ने लगभग दो साल पहले भारत में अपनी कारों को लाने के बारे में विस्तृत मार्केट रिसर्च की थी, लेकिन उन्हें सरकार से कोई खास प्रोत्साहन हासिल नहीं हो सका था, इस नाकामी के बाद टेस्ला ने पिछले साल इस मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया था।

कंपनी सीधे देश में अपनी कारों को पेश करने के लिये आयात शुल्क पर रियायतों की मांग कर रही थी, लेकिन सरकार ने मर्सिडीज-बेंज, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा (Tata Motors and Mahindra & Mahindra) जैसे बाकी खिलाड़ियों का हवाला देते हुए किसी भी तरह की राहत देने से इंकार कर दिया था।

टेस्ला पर मोदी सरकार (Modi Government) भी उन रिपोर्टों की वज़ह से खासा चिंतित थी कि कंपनी अपने चीन (China) के कारखाने से कारों का आयात कर सकती है, जिसे बढ़ते तनाव की वज़ह से नो-गो इलाके के तौर पर देखा जा रहा है।

मौजूदा हालातों में देश $40,000 से ज्यादा सीआईएफ (लागत, बीमा और माल ढुलाई) मूल्य वाली पूरी तरह से निर्मित कारों के आयात पर 100% शुल्क लगता है और इस रकम से कम लागत वाली कारों पर 60% शुल्क लगाया गया है।

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