Diwali: बढ़े वायु प्रदूषण के बीच खुद को बचाये अस्थमा के हमले से, इन टिप्स का रखें खासा ध्यान

लाइफ स्टाइल डेस्क (यामिनी गजपति): दिवाली (Diwali) नजदीक है और ये बेशक मजेदार त्यौहार है। रंगोली, मिठाई, दीये, बताशों और पूजापाठ के बीच ध्वनि और वायु प्रदूषण भी होगा। लोग अक्सर साल के इस वक्त के दौरान सांस जुड़ी समस्याओं जैसे ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, फेफड़े के फाइब्रोसिस और एलर्जिक राइनाइटिस (Fibrosis and Allergic Rhinitis) को रोकने के लिये जरूर पहरेज रखने के बचते है, अक्सर त्यौहार की मस्ती और छुट्टियां की खुमारी के दौरान ऐसा हो ही जाता है।

दिवाली के बारे में सबसे आम अवधारणाओं में से बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए पटाखे फोड़ना है, लेकिन हर कोई जानता है कि पटाखे काफी असुरक्षित हो सकते हैं और ये पर्यावरण भारी प्रदूषण फैला सकते हैं, जिससे कई स्वास्थ्य समस्यायें पैदा हो सकती हैं। दिल्ली (Delhi) की वायु गुणवत्ता बिगड़नी शुरू हो गई है और आज (22 अक्टूबर 2022) सुबह 262 वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पर दिल्ली की हवा देखी गयी, जो कि काफी खराब श्रेणी मानी जाती है।

जिन्हें अस्थमा (Asthma) है उनके लिये ये काफी मुश्किल हालात है। हालांकि लाखों लोगों की वज़ह से होने वाले प्रदूषण को नहीं रोका जा सकता, ऐसे में हम कुछ सलाह दे रहे है जिससे हालातों का काफी हद तक सहज़ बनाया जा सकता है।

Diwali 2022: दीवाली पर अस्थमा के हमले को रोकने के कुछ टिप्स

पहनें N95 मास्क

N95 मास्क पहनने से पटाखों के धुएं से आपकी नाक में होने वाली जलन को रोका जा सकता है।

करें संतुलित भोजन

भोजन पर इस दौरान खासा ध्यान देना जरूरी है। जरूरत से ज्यादा खाना अनहैल्थी आदतों में से एक है। स्वस्थ आहार आदतें बनाये रखें। इससे अचानक अस्थमा के दौरे होने की संभावना कम हो जाती है।

रहें हाइड्रेटेड

दिन भर गुनगुना पानी पिये। गुनगुना पानी शरीर में पाचन और श्वसन तंत्र (Digestive And Respiratory System) से प्रदूषकों को छानकर उनसे छुटकारा पाने में बड़ी मदद करता है।

शराब से बचें

शराब और बीयर जैसे ड्रिंक्स से अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। शराब अस्थमा और सांस की समस्या झेल रहे लोगों की हालात काफी ज्य़ादा खराब कर सकती है क्योंकि आपके फेफड़े पहले से ही प्रदूषण के संपर्क में होते है। अस्थमा के अचानक हमले को कम करने के लिये शराब से बचें।

बचें धूल से

सफाई प्रक्रियाओं के दौरान धूल के कण हवा में उठते है, जो सांसों के लिये काफी हानिकारक हो सकते हैं। सांस लेने में समस्या या अस्थमा जैसे पहले से ही सांस की बीमारियों वाले लोगों को खुद धुएं के संपर्क में आने से बचना चाहिये और जितना मुमकिन हो सके उतना समय घर के अंदर बिताना चाहिये।

इनहेलर

अपने इनहेलर (Inhaler) को संभाल कर रखें। अस्थमा के रोगियों को हमेशा अपनी इमर्जेंसी दवाएं, नेब्युलाइज़र (Nebulizer) और अन्य दवायें हाथ में रखनी चाहिये।

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