राहुल गांधी को नोटिस देने के लिये Delhi Police ने किया घंटों इंतजार

नई दिल्ली (श्री हर्षिणी सिंधू): कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने दिल्ली पुलिस को घंटों इंतजार कराया, जब वो वायनाड के सांसद को यौन उत्पीड़न पीड़ितों के बारे में जानकारी मांगने के लिये नोटिस सौंपने गये, जिसका जिक्र उन्होंने बीती जनवरी में कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपने भाषण में किया था।

बता दे कि 15 मार्च को दिल्ली पुलिस की एक टीम ने महिलाओं के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले में श्रीनगर में दिये अपने बयान पर राहुल गांधी को नोटिस देने के लिये तीन घंटे तक इंतजार किया। तीन घंटे के इंतजार के बाद भी राहुल गांधी पुलिस टीम से नहीं मिले।

मामले पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि “दिल्ली पुलिस के अधिकारी उन्हें नोटिस देने के लिये 16 मार्च को फिर से उनके घर गये, राहुल गांधी उन्हें करीब डेढ़ घंटे के बाद व्यक्तिगत रूप से मिले।”

दिल्ली पुलिस ने बीते बुधवार (15 मार्च 2023) को कांग्रेस नेता को नोटिस जारी कर यौन उत्पीड़न के उन पीड़ितों के बारे में जानकारी साझा करने को कहा, जिनका जिक्र उन्होंने इस साल जनवरी में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान श्रीनगर (Srinagar) में अपने भाषण में किया था।

बता दे कि दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लिया और सवालों के फेहरिस्त भेजी।

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपने अनुभवों और महिलाओं के सामने आने वाली समस्याओं का जिक्र करते हुए, गांधी ने एक लड़की के पास आने और उसके साथ होने वाले अत्याचारों के बारे में बात करने की बात कही थी। राहुल गांधी ने अपने उस कथित बयान में कहा था कि – “उन्होनें एक लड़की से पूछा कि उसके साथ बलात्कार हुआ है, मैंने उससे पूछा कि क्या हमें पुलिस बुलानी चाहिए, उसने कहा कि पुलिस को मत बुलाओ, मुझे शर्म आयेगी।”

कांग्रेस ने सरकार पर हमला किया और कहा कि वो अडानी-हिंडनबर्ग मसले (Adani-Hindenburg case) पर राहुल गांधी के सवालों से बौखला गयी है। कांग्रेस ने कहा कि- “पीएम मोदी और अडानी के रिश्ते पर राहुल गांधी के सवालों से परेशान सरकार पुलिस के पीछे छिप जाती है। भारत जोड़ो यात्रा पूरी होने के पैंतालीस दिन बाद दिल्ली पुलिस ने नोटिस के जरिये उनसे मिलने वाली महिलाओं की डिटेल मांगी।”

कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा कि- पार्टी कानून के मुताबिक नोटिस का जवाब उचित समय पर देगी। ये नोटिस इस बात का एक और सबूत है कि सरकार दहशत में है। लोकतंत्र, महिला सशक्तिकरण, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विपक्ष की भूमिका को कमजोर करने के लिये उनका (मोदी सरकार) ये हालिया हमला है। तस्वीरें खुद इस बात की तस्दीक करती है।”

बता दे कि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी पार्टियां हिंडनबर्ग-अडानी मामले की जांच के लिये संयुक्त संसदीय समिति (JPC- Joint Parliamentary Committee) की मांग कर रही हैं। ब्रिटेन (Britain) में भारतीय लोकतंत्र पर उनके बयान के लिये भाजपा ने राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और माफी की मांग की है।

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