Jahangirpuri Riots: दिल्ली पुलिस कमीश्नर आये सामने, बताया कहां तक पहुँची जहांगीर पुरी दंगों की जांच

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): जहांगीर पुरी हिंसा (Jahangirpuri Riots) मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। जिसके लिये दिल्ली पुलिस अपने हर विभाग को मैदान में उतार चुकी है। टैक्निकल सर्विलांस, एफएसएल टीम, क्राइम ब्रांच, सोशल मीडिया सेल, फोरेंसिक टीम (Forensic Team) और 14 अन्य टीमों को छानबीन के लिये मैदान में उतारा जा चुका है।

दिल्ली पुलिस कमीश्नर राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana) ने साफ कर दिया है कि पुलिस धर्म को आधार बनाकर किसी पर कार्रवाई नहीं करेगी। पुख़्ता सबूतों की बुनियाद पर ही जांच को आगे बढ़ाया जायेगा। अगर कोई आरोपी पाया जाता है तो उस वाज़िब कानूनी कार्रवाई की जायेगी भले ही वो किसी भी धर्म से तालुक्क रखता हो।

दिल्ली पुलिस कमीश्नर राकेश अस्थाना ने कहीं ये अहम बातें

• अब तक मामले में 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

• घटना के दौरान पुलिस कर्मियों समेत 9 लोग और एक नागरिक घायल हो गया।

• सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल मीडिया का विश्लेषण किया जा रहा है।

• एफएसएल टीमों (FSL teams) ने आज (18 अप्रैल 2022) अपराध स्थल का दौरा किया।

• कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिये शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।

• हम सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं और गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

• जनता अफवाहों पर ध्यान न दें।

• दोषी पाये जाने वाले किसी भी शख़्स के खिलाफ उनके वर्ग, पंथ, समुदाय और धर्म को दरकिनार कर व़ाजिब कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

• हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता अंसार (Main Conspirator Ansar) पहले भी हमले के दो मामलों में शामिल पाया गया था, जिसके चलते उसे एहतियातन धाराओं के तहत बार-बार गिरफ्तार किया गया था। पहले भी अंसार के खिलाफ जुआ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम (Gambling Act and Arms Act) के तहत पांच बार मामला दर्ज किया गया था।

• अपराध शाखा (Crime Branch) के अधिकारियों ने पहले ही जांच शुरू कर दी है। क्राइम ब्रांच को इससे पहले सुबह उस इलाके की जांच करते देखा गया था, जहां हिंसा हुई।

• क्राइम ब्रांच के अलावा आठ सदस्यीय फोरेंसिक टीम भी मौके पर सैंपल और सबूत जुटाने के लिये तैनात की गयी।

• जहांगीरपुरी हिंसा की जांच के लिये 14 टीमें गठित की गयी, आरोपियों को बख़्शा नहीं जायेगा चाहे वो किसी भी धर्म के हो।

• टीम द्वारा एक हफ़्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है।

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