Gujarat: हाईकोर्ट में हुई बहस मुर्गी जानवर है या नहीं?, मीट को लेकर हो रही दो याचिकाओं की सुनवाई

न्यूज डेस्क (वैशाली राणा): पहले क्या आया था, मुर्गी या अंडा? ये सवाल कल की बात हो चुका है। ताजातरीन पहेली ये है कि क्या मुर्गी जानवर है?  इस सवाल पर गतिरोध बीते बुधवार (29 मार्च 2023) को गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी रहा, जिसमें बूचड़खानों के बजाय चिकन की दुकानों पर पोल्ट्री पक्षियों को मारने पर आपत्ति जतायी गयी थी।

पोल्ट्री कारोबारी और चिकन दुकान के मालिक उम्मीद कर रहे हैं कि हाईकोर्ट उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा और उन्हें अपनी दुकानें फिर से खोलने की मंजूरी देगा। गुजरात उच्च न्यायालय ने मांस और पोल्ट्री की दुकानों को नियमों का उल्लंघन करने और स्वच्छता मानकों को बनाये नहीं रखने के कारण बंद करने का फरमान जारी किया था।

नागरिक निकायों मुख्य रूप से सूरत नगर निगम (Surat Municipal Corporation) ने कई दुकानों को ये कहते हुए बंद कर दिया कि जानवरों को बूचड़खानों में मारा जाना चाहिये ना कि दुकानों में। हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाओं के तहत जिसमें विभिन्न कानूनों को लागू करने और बूचड़खानों के समुचित कार्य के लिये सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की मांग की गयी थी।

याचिकाकर्ता एनजीओ एनिमल वेलफेयर फाउंडेशन और अहिंसा महासंघ (Animal Welfare Foundation and Ahimsa Mahasangh) ने नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की और दुकानों में मुर्गियों को मारने का विरोध किया।

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