कच्छे के लिए भी मोदी जिम्मेदार?

बिस्कुट, चाय के बाद अब सियासी दंगल कच्छों पर होगा ?

मोदी जी पर अक्सर आरोपों की झड़ी लगी रहती है। विपक्ष उन्हें इक्नॉमी स्लोडाउन के लिए जिम्मेदार मानता है। कई लोग मानते है कि जब वे सत्ता में आये है तब से इन्टॉलरेंस बढ़ा है। अगर उन पर लगे इल्ज़ामों के फेहरिस्त देखी जाये तो वो काफी लंबी है। पारले जी की प्रोडक्शन यूनिट का शट डाउन होना, अशोक लीलैंड़ और मारूति-सुजुकी के प्लॉन्ट्स में कामबंदी और छंटनी के बाद उनकी इल्ज़ामों की लिस्ट एक और इज़ाफा हो गया है।


ताजा वाकया ये है कि मोदी जी की वज़ह से हिन्दुस्तानी जनता कच्छे नहीं खरीद पा रही है। सुनने में थोड़ा अज़ीब लग सकता है। लेकिन ऐसा है। इस मसले को उठाया है द प्रिन्ट वेबसाइट ने। द प्रिन्ट पर एक लेख प्रकाशित हुआ है, जिसका टाइटल है Indians are not buying underwear. That’s how bad the economy is. यानि कि मुल्क की माली हालत इतनी खराब है कि लोग अब कच्छे खरीदने में भी बेबसी महसूस कर रहे है।


इस आर्टिकल को प्रिन्ट की विशेष संवाददाता हिमानी चंदना ने लिखा है। हिमानी चंदना बिजनेस जर्नलिस्ट है, एफएमसीजी, मार्केट, फार्मास्यूटिकल,हेल्थकेयर क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करने का गहरा अनुभव है। उनके इस आर्टिकल के मुताबिक हौजरी मैन्युफैक्चरिंग के बड़े नाम लक्स कॉजी, डॉलर और रूपा की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गयी है। मैन्युफैक्चरिंग और इण्डस्ट्री के विशेषज्ञों के मुताबिक डिमॉनटाइजेशन और जीएसटी ने छोटे खुदरा व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। इन लोगों ने माल तो उठा लिया है, लेकिन पेमेंट करने में इन्हें काफी दिक्कतें आ रही है। इनरवियर की बिक्री में 20-25 फीसदी की गिरावट आयी है। खुदरा कारोबारियों के पास अभी काफी स्टॉक पड़ा हुआ है, जो क्लिय़र नहीं रहा है। जिसकी चलते वो आगे मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को ऑर्डर नहीं दे रहे है। जिन रिटेलर और होलसेलर के पास थोड़ा बहुत ऑर्डर भी है तो उनके पास कैश फ्लो कम होने के चलते, पेमेंट करने में दिक्कत आ रही है। इस वजह से वो लोग मनचाहा स्टॉक मंगा नहीं पा रहे है। ये आर्टिकल द प्रिन्ट की संपादक रामा लक्ष्मी ने ट्विटर पर साझा किया जिसके बाद कई दिलचस्प प्रतिक्रियायें देखने को मिली।

Are you wearing it or not, asking, assuming you too are an Indian. https://t.co/RasxZpvnlD

— Mauna (@ugtunga) October 25, 2019

गणेश अय्यर लिखते है कि शायद इसी वजह से कपिल सिब्बल और पी.चिदम्बरम प्रदर्शन कर रहे है।

Thats the reason Sibal and Chidambaram are doing protest 😂 pic.twitter.com/HtLcUrUmyR

— Ganesh Iyer❤🇮🇳 (@Jaz_baatein) October 25, 2019

अमेजिंग एकता नाम से एक यूजर कुछ इस तरह की चुलबुली प्रतिक्रिया देती दिखी।

Pahente Sab hai madam magar dikhata koi nahi …..🙊 pic.twitter.com/61cRk3iEoJ

— Amazing Ekta (@ekta_amazings) October 25, 2019

सागर गौड़ लिखते है कि लोग आज अण्ड़रवियर की बजाय कच्छा पहनने लगे है। शायद इसी वज़ह से ये सब हो रहा है।

People started wearing Kachha that’s why underwear sales dropped down. See this pic.twitter.com/zqK4Vu1sgu

— Sagar Goud(SG) (@Sagar4BJP) October 25, 2019

अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कई एहतियान कदम उठाये है। जिनमें से कॉर्पोरेट टैक्स में भारी छूट दी गयी थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के इस कदम के बाद शेयर बाज़ार में भारी उछाल किया गया था। कुल मिलाकर इस मसले पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की गयी है। कहीं ना कहीं देश की आर्थिक नीतियों को कच्छे से जोड़कर प्रिन्ट जनवाद से भरा एक पॉलिटिकल नैरेटिव तैयार करना चाहता है। दूसरी ओर देश की सियासत काफी दिलचस्प है, मौका ऐसा भी देखा गया है जब प्याज़ के दामों में वज़ह से एक सरकार गिर गयी थी। अब इंतजार इस बात का है कि कच्छे की ये कहानी कहीं अगले लोकसभा चुनावों तक ना खींचे।

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