राम मंदिर के मसले पर बड़बोले लोगों ने बहुत कुछ बोला था- पीएम मोदी ‘मन की बात’

दिवाली की शुभकामनायें देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। तकरीबन आधे घंटे के इस संबोधन में पीएम मोदी ने आगामी श्री गुरू नानक जी 550 वें प्रकाशोत्सव के बारे में बोलते हुए उन्हें राम मंदिर समेत कई दूसरे पहलूओं पर अपना पक्ष देशवासियों के सामने रखा।

पीएम मोदी ने कहा
  • हमारा समाज हमेशा से देश की एकता और सद्भाव के लिए सतर्क रहा है। राम मंदिर मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का जब फैसला आना था तो देश में कुछ बयान बोलो और बड़बोले लोगों ने क्या-क्या बोला था और कैसा माहौल बनाया गया था। ये सब पांच-दस दिन तक चलता रहा लेकिन जैसे ही फैसला आया तो राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, सभी संप्रदायों के लोगों, साधु-संतो और सिविल सोसाइटी के लोगों ने बहुत संतुलित बयान दिया था। न्याय पालिका के गौरव का सम्मान किया। इसे हमें ध्यान देना चाहिए कि देश में कितनी बड़ी ताकत है।

  • 31 अक्टूबर को हर बार की तरह रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें समाज के हर वर्ग और हर तबके के लोग शामिल होंगे। रन फॉर यूनिटीइस बात का प्रतीक है कि यह देश एक है। एक दिशा में चल रहा है और एक लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है। एक लक्ष्य- एक भारत श्रेष्ठ भारत।

  • हम सब जानते हैं कि भारत के प्रथम गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों को एक करने का एक बहुत बड़ा भगीरथ और ऐतिहासिक काम किया। सरदार वल्लभभाई पटेल की ये ही विशेषता थी जिनकी नजर हर घटना पर टिकी थी। एक तरफ उनकी नजर हैदराबाद, जूनागढ़ और अन्य राज्यों पर केंद्रित थी, तो वहीं दूसरी तरफ उनका ध्यान सुदूर दक्षिण में लक्षद्वीप पर भी थी।

  • सरदार पटेल बारीक से बारीक चीजों को भी बहुत गहराई से देखते थे, परखते थे। सही मायने में वे मैन ऑफ डीटेल थे. इसके साथ ही वे संगठन कौशल में भी निपुण थे. मुझे विश्वास है कि 31 अक्टूबर की तारीख आप सबको जरूर याद होगी. यह दिन भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती का है।

  • अभी कुछ दिन पहले ही, करीब 85 देशों के राजदूत, दिल्ली से अमृतसर गये थे। वहां राजदूतों ने स्वर्ण मंदिर के दर्शन तो किए ही, उन्हें सिख परम्परा और संस्कृति के बारे में भी जानने का अवसर मिला। इसके बाद कई राजदूतों ने सोशल मीडिया पर वहां की तस्वीरें साझा की

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