UP ATS ने धरदबोचे PFI के 6 कट्टरपंथी, मेरठ और वाराणसी से हुई गिरफ्तारियां

न्यूज डेस्क (देवागंना प्रजापति): आज (24 सितम्बर 2022) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर कार्रवाई तेज करते हुए उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (UP ATS) ने दो अलग-अलग ठिकानों से संगठन के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया और उनके पास से आपत्तिजनक चीज़ों को भी बरामद किया गया। पीएफआई के चार सदस्यों को शुक्रवार और शनिवार (23-24 सितम्बर 2022) की दरम्यानी रात को मेरठ (Meerut) से गिरफ्तार किया गया, जबकि दो अन्य को पिछली रात इसी वक्त के दौरान वाराणसी से गिरफ्तार किया गया।

मेरठ में गिरफ्तार आरोपियों की शिनाख़्त शामली (Shamli) के रहने वाले मोहम्मद शादाब अजीज कासमी, मौलाना साजिद (शामली), मुफ्ती शहजाद (गाजियाबाद), मोहम्मद इस्लाम कासमी (मुजफ्फरनगर) के तौर पर हुई है। मेरठ के थाना खरखोदा में धारा-120बी, 121ए, 153ए, 295ए, 109, 505(2) आईएमडी और धारा 13(1)(बी) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दूसरी ओर वाराणसी (Varanasi) के कज्जाकपुरा रेलवे क्रॉसिंग (Kazzakpura Railway Crossing) पर बन रहे ओवर ब्रिज के पास से रिजवान अहमद और मोहम्मद शाहिद नाम के दो अभियुक्तों को मामले में गिरफ्तार किया गया है। थाना आदमपुर (Police Station Adampur) वाराणसी में धारा 121ए, 153ए, 295ए, 109,120बी आईपीसी और 13(एबी) यूएपी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस बीच सामने आया कि 15 राज्यों में फैले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई का कोड-नाम “ऑपरेशन ऑक्टोपस” दिया गया है, जिसके तहत इन कार्रवाइयों को अंजाम दिया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की संयुक्त टीमों ने 22 सितंबर को कई राज्यों में छापे मारकर  106 से ज्यादा पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया।

जिन राज्यों में छापे मारे गए उनमें आंध्र प्रदेश (4 ठिकानों पर), तेलंगाना (1 ठिकाने पर), दिल्ली (19 ठिकानों पर), केरल (11 ठिकानों पर), कर्नाटक (8 ठिकानों पर), तमिलनाडु (3 ठिकानों पर), उत्तर प्रदेश (1 ठिकाने पर), राजस्थान (2 ठिकानों पर ), हैदराबाद (5 ठिकानों पर), असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर (Bihar and Manipur) शामिल है।

लगातार मिल रहे इनपुट्स और सबूत मिलने के बाद एनआईए द्वारा दर्ज पांच मामलों में ये तलाशी ली गयी थी कि पीएफआई नेता और कैडर आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों को पैसा मुहैया करवाने में शामिल थे। संगठन हथियारबंद ट्रेनिंग देने के लिये प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता था और लोगों को प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने के लिये कट्टरपंथी बनाता था।

बता दे कि पीएफआई और उसके नेताओं और सदस्यों के खिलाफ कई हिंसक कृत्यों में शामिल होने के लिये पिछले कुछ सालों में कई राज्यों में बड़ी तादाद में आपराधिक मामले दर्ज किये गये हैं।

पीएफआई के किये गये गुनाहों में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्याएं, प्रमुख लोगों और जगहों को निशाना बनाने के लिये विस्फोटकों का इकट्ठा, इस्लामिक स्टेट का समर्थन करना और आम लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुँचाना खासतौर से शामिल है।

पीएफआई ने बीते शुक्रवार (23 सितम्बर 2022) को केरल में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया, जो कि राज्य के कुछ हिस्सों में बेहद हिंसक हो गया। कन्नूर के मट्टनूर (Mattanoor of Kannur) में आरएसएस कार्यालय समेत कई जगहों पर पथराव देखा गया। कोल्लम (Kollam) में हुई इस घटना में दो पुलिस अधिकारी भी बुरी तरह घायल हो गये।

केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने एनआईए द्वारा पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी के खिलाफ राज्य में हड़ताल का आह्वान करने वाले पीएफआई नेताओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला शुरू किया। खासतौर से 7 जनवरी 2019 को केरल उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक कोई भी सात दिनों की पूर्व सूचना के बिना राज्य में बंद का आह्वान नहीं कर सकता है।

मामले का संज्ञान लेते हुए अदालत ने पुलिस को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हड़ताल का समर्थन नहीं करने वाले नागरिकों की संपत्ति को किसी तरह के नुकसान से बचाने की पुख्ता कोशिशें की जाये। कोर्ट ने कहा, अवैध हड़ताल का समर्थन करने वालों के हाथों उन सभी जनोपयोगी सेवाओं को भी पर्याप्त पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाये जिन पर हिंसा का ज्यादा खतरा मंडरा रहा है।

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