Cryptocurrencies: भारी जोखिम और नफ़े के बीच झूलता क्रिप्टोकरेंसी का कल

भारत सरकार सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrencies) पर प्रतिबंध लगा सकती है। ये खब़र सामने आने के बाद बिटकॉइन (Bitcoin) समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में एक घंटे के भीतर 15 से 20 फीसदी तक की सीधी गिरावट आयी। हालांकि आज जब कहा जा रहा है कि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के बजाय सरकार इस पर नियंत्रण कर सकती है। लेकिन ये सब अटकलें हैं क्योंकि सरकार ने अभी तक औपचारिक रूप से ये साफ नहीं किया है कि क्रिप्टोकरेंसी पर लाये जा रहे नये बिल में क्या होगा। हालांकि एक बात तो साफ है कि सरकार जो भी फैसला लेगी उसका असर भारत के उन 10 करोड़ लोगों पर जरूर पड़ेगा, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा लगाया है। अगर हम मान लें कि एक परिवार में औसतन चार से पांच सदस्य हैं तो ये बिल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर भारत के 40 करोड़ लोगों पर सीधा असर डालेगा।

क्रिप्टो पर बैन की खबर के बाद से लोग उन एक्सचेंजों की तरफ भी देख रहे हैं, जिनके जरिये उन्होंने डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। हालांकि क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Exchange) ये भी दावा करते हैं कि इस बाजार में भारतीयों का 6 लाख करोड़ रुपये का निवेश है। अगर ये सच है तो आप कह सकते हैं कि भारत की कुल जीडीपी का 3 फीसदी और भारत के सालाना बजट के 17 फीसदी के बराबर पैसा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया गया है।

मौजूदा हालातों में भारत में लगभग 10 प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज हैं, जिनके जरिये निवेशक क्रिप्टोकरेंसी खरीदते या बेचते हैं। बदले में ये एक्सचेंज निवेशकों से फीस लेते हैं। हालांकि ये फीस बेहद मामूली से होती हैं लेकिन क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिये ये रेवन्यू का सबसे बड़ा स्रोत है।

भारत पूरी दुनिया में क्रिप्टो का सबसे बड़ा बाजार है और पिछले 2 सालों में भारत में जितने लोगों ने शेयर बाजार में इंवेस्ट किया है, उससे ज़्यादा लोगों ने क्रिप्टो में इंवेस्ट किया है। इतनी बड़ी तादाद के दम पर भारत की वो कंपनियां फल-फूल रही हैं, जो खुद को क्रिप्टो एक्सचेंज कहती हैं। बैन की खब़र के बाद क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों के ज्यादातर मालिकों या यहां तक ​​कि बड़े अधिकारियों के भी बयान सामने आये हैं। इस काराबोर से जुड़े कई लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूछ रहे है कि अगर सरकार क्रिप्टो पर बैन लगाती है तो डिजिटल करेंसी का क्या होगा जो पहले से ही बाज़ार में है?

ज़वाब साफ है कि अगर क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो आप इसे अपने बैंक या किसी यूपीआई वॉलेट (UPI Wallet) से नहीं खरीद पायेगें और न ही आप इसे खरीद पाएंगे। अब क्रिप्टो निवेशक भले ही रातोंरात करोड़पति न बन पाये लेकिन क्रिप्टो एक्सचेंज शुरू करने वाले कई लोग पिछले दो से तीन सालों में निश्चित रूप से करोड़पति बन गये हैं।

मिसाल के तौर पर साल 2018 में वजीरएक्स नाम का क्रिप्टो एक्सचेंज शुरू करने वाले 35 वर्षीय निश्चल सेठी फिलहाल करीब 38 करोड़ रुपये के मालिक हैं। यहां एक बात साफ कर दें कि हमें ये आंकड़े अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स से मिले हैं और हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। लेकिन जो कंपनियां विज्ञापनों पर इतना खर्च कर रही हैं, जाहिर तौर पर उन्हें कहीं से भारी मुनाफा हो ही रहा होगा और वे करोड़ों की कमाई कर रही होंगी।

कुछ इसी तरह भारत में एक विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज काम करता है, जिसका नाम कॉइनबेस (Coinbase) है। इस कंपनी ने इसी साल भारत में काम करना शुरू किया और अब इसके मालिक ब्रायन आर्मस्ट्रांग (Brian Armstrong) 49,000 करोड़ रुपये के मालिक बन गये हैं। इसी तरह भारत के दो क्रिप्टो एक्सचेंज CoinSwitch Kuber और CoinDCX अब यूनिकॉर्न (Unicorn) में तब्दील हो गये हैं, यानि उनका बाजार मूल्य 7,500 करोड़ रुपये से ज़्यादा का हो गया है।

साल 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने भारत में क्रिप्टो पर बैन लगा दिया, जिसे बाद में साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे हटा दिया था, और इतने कम समय में करोड़ों निवेशकों के आधार पर क्रिप्टो एक्सचेंजों के तौर पर काम करने वाली ये कंपनियां इतनी लायक हो गयी कि उनके मालिक करोड़पति और अरबपति बन गये।

हाल ही टी-20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) के दौरान टीवी पर क्रिप्टो एक्सचेंजों के जमकर विज्ञापन चलाये गये। जिसमें आम लोगों को बार-बार आश्वासन दिया जाता है कि इसमें निवेश करना बिल्कुल सरल और सुरक्षित है। साल 2021 में ही इन विज्ञापनों पर 150 से 180 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं और इंटरनेट पर विज्ञापनों के बाजार में इस साल जनवरी महीने तक क्रिप्टो एक्सचेंजों के विज्ञापनों की हिस्सेदारी 6 फीसदी थी, जो बढ़कर इसी साल जुलाई तक 46 फीसदी हो गयी।

टी20 वर्ल्ड कप के दौरान सिर्फ दो कंपनियों ने टीवी पर 50 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिये थे. साफ है कि आम निवेशकों की तरह ये कंपनियां भी क्रिप्टो पर बड़ा दांव खेल रही है लेकिन क्रिप्टो निवेशकों (Crypto Investors) को अब ज्यादा फायदा नहीं मिलता दिख रहा है जिस तरह से आने वाले हालात बन रहे है।

फिलहाल इस बिल को आने में थोड़ा वक्त है। एक बार ये बिल संसद में पेश हो जाने के बाद ही भारत में क्रिप्टो के भविष्य पर थोड़ी स्पष्टता आयेगी। तब तक के लिये निवेशकों को अपने निवेश पर थोड़ा काबू रखना होगा। निवेशक रोज बदल रहे हालातों पर पैनी नज़रे बनाये रखें। अगर आपको लगता है कि आपके निवेश का भविष्य खतरे में है तो आप अपना पैसा तुरन्त निकाल लें।

सह-संस्थापक संपादक: राम अजोर

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