Momos: बेहद खास रहा है मोमोज के टेस्ट का सफर, इस तरह पहुँचा इंडिया में इसका जायका

लाइफ स्टाइल डेस्क (तृषा कश्यप): मोमोज (Momos) भारत में बहुत ही मशहूर डिश है। वेज हो या नॉनवेज मोमोज को लेकर हर उम्र के लोगों का क्रेज देखने लायक होता है। ये एक ऐसी डिश है जो आपको हर जगह मिल जायेगी, सिर्फ रेहड़ी-पटरी वालों में ही नहीं बल्कि बिजी मार्केट, ऑफिस और मॉल में भी। स्ट्रीट फूड के तौर पर मोमोज के लिये बच्चों, युवाओं और बड़ों का प्यार ही कुछ और होता है।

स्कूल हो या कॉलेज, ऑफिस हो या मॉल, इन जगहों के आसपास आपको मोमोज के स्टॉल जरूर नजर आएंगे। गर्मी हो या सर्दी मोमोज खाने का लोगों का उत्साह हर मौसम में एक जैसा ही रहता है। क्या आप जानते हैं कि मोमोज को भारत पहुंचने में कितना वक्त लगा है? आपके स्वादिष्ट और चटपटे मोमोज को भारतीय स्वाद शामिल होने के लिए 3000 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर तय करना पड़ा।

मोमोज तिब्बती डिश (Tibetan Dish) है। ये एक तरह से चीन (China) का मालपुआ है। मोमोज ने नेपाल (Nepal) के रास्ते भारत तक का सफर तय किया। मोमोज ने उत्तर पूर्वी राज्यों के जरिये शहरों में अपनी पैठ बना ली है और सबसे मशहूप स्ट्रीट फूड की कैटीगिरी में शामिल हो गया है। मोमोज पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल (Uttarakhand and Himachal) में भी इसकी लज्ज़त काफी मशहूर है। हालांकि ये भी कहा जाता है कि तिब्बत से पहले भी मोमोज चीन में बनाये जाते थे। लेकिन वहां इसका रूप अलग था। मोमोज का मतलब होता है स्टीम्ड ब्रेड।

कहा तो ये भी जाता है कि मोमोज की डिश सबसे पहले तिब्बत के ल्हासा (Lhasa) में बनायी गयी थी। इसके बाद इस डिश के इंग्रेडिएंट्स बदलते रहे। मोमोज जब तिब्बत से नेपाल गये तो उन्हें बनाने का तरीका और सामग्री थोड़ी अलग मिली। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में मोमोज का मतलब स्टीम्ड तिब्बती डिश बताया गया है, जिसे मीट और सब्जियों को मिलाकर तैयार किया जाता है। मोमोज के व्यंजन सबसे पहले नेपाल के काठमांडू (Kathmandu) में मिले थे।

माना जाता है कि तिब्बत के कारोबारी वहां से मोमोज काठमांडू लाये थे। हालांकि मोमोज डिश की पैदाइश के बारे में सटीक जानकारी हासिल करना थोड़ा मुश्किल है। दरअसल तिब्बत की संस्कृति और खान-पान पर चीनी और मंगोलों का सीधा असर रहा है, इसलिए कहा जाता है कि मोमोज भी चीन से तिब्बत आये थे। ये डिश भाप में बनायी जाती है।

मोमोज तिब्बत में सबसे ज्यादा खाये जाते हैं। शिलॉन्ग में मोमोज को मीट से तैयार किया जाता है और यहां के मोमोज भी काफी मशहूर हैं। शिलांग (Shillong) के अलावा अरुणाचल (Arunachal) में भी मोमोज काफी लोकप्रिय हैं। यहां इस डिश को चाव से खाया जाता है। यहां इसे सरसों के पत्तों और अन्य सब्जियों से बनाया जाता है ताकि ये सेहत के लिये फायदेमंद साबित हो सके। मोमोज को चीन में डिम्सिम कहा जाता है। वहां मोमोस मीट में दूसरी सब्जियां डालकर बनाया जाता है, यानि मोमोज के अंदर ये चीजें भरी जाती हैं। इसके अलावा इन दिनों तेल में तले हुए मोमोज और तंदूरी मोमोज भी खाने का चलन काफी बढ़ रहा है। दिल्ली और दूसरे शहरों में इसे बनाने को लेकर तरह तरह के प्रयोग किये जाते है।

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