Union Budget 2022: बजट को लेकर शुरू हुआ प्रतिक्रियायों का सिलसिला, जानिये किसने क्या कहा

बिजनेस डेस्क (मृत्युजंय झा): Union Budget 2022: वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये बजटीय प्रावधान (Budgetary Provision) जारी हो चुके है। इसके साथ ही राज्यसभा सदन की कार्रवाई को कल (2 जनवरी 2022) तक के लिये स्थगित कर दिया है। इस बजट के दायरा इस बार 5-G, क्रिप्टोकरेंसी और डिजीटल रूपये की ओर भी रहा। इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत, स्पेशल इक्नॉमी जोन, इमरर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (Emergency Credit Line Guarantee Scheme), पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान और नेशनल डिजीटल हेल्थ इको सिस्टम (National Digital Health Eco System) जैसी योजनाओं के खाके को ज़मीनी स्तर पर लागू करने के लिये बजटीय प्रावधानों की रूपरेखा भी सदन के सामने रखी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद पक्ष और विपक्ष के कई लोगों के प्रतिक्रियायें सामने आयी। जहां एक और बीजेपी ने इसे बेहतरीन बजट बताया तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और टीएमसी ने इस बजट की खुली मुखालफत शुरू कर दी। तो ऐसे में आइये जाने इस बजट को लेकर किसने और क्या कहा।

बजट को लेकर दिग्गज़ नेताओं और आर्थिक विश्लेषकों की प्रतिक्रियायें

व्यापार के नज़रिये से दो चीज़े कंसिस्टेंसी ऑफ पॉलिसी (Consistency of Policy) और कंसिस्टेंसी ऑफ टैक्स रेट (Consistency of Tax Rate) महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए मैं वित्त मंत्री का धन्यवाद करूंगा कि उन्होंने इसमें ज़्यादा बदलाव नहीं किये। नए टैक्स भी लागू नहीं किए गए: FICCI के अध्यक्ष संजीव मेहता

मैं प्रधानमंत्री जी को बधाई देता हूं, ये बजट समृद्ध, शक्तिशाली और विकसित भारत के निर्माण का बजट है। अधोसंरचना विकास (Infrastructure Development) के लिये 35% से अधिक राशि बजट में बढ़ाई गई है इससे अधोसंरचना विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित होंगे: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

सेवा, कृषि और चिकित्सा के क्षेत्र हमारी प्राचीन अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इन्हें नए सिरे से इस बजट में परिभाषित किया गया है। आने वाली नई चुनौतियों के लिए इस बजट में समाधान दिया गया है: केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल

ये बहुत समावेशी बजट है, ये बजट गरीबों, गांव, पूर्वोत्तर के लिए है। इस बजट में वित्तीय क्षेत्र में काफी रिफॉर्म लाए गए हैं। जिस तरह से अर्थव्यवस्था में रिकवरी हुई है, उस तरह से ये बहुत अच्छा बजट है: केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू

आज़ादी के अमृत महोत्सव के इस कालखंड का ये अमृत बजट है, आज का बजट आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है। ये बजट सबका साथ, सबका विकास के मूलमंत्र पर आधारित है, इसमें सभी वर्ग के लोगों का ध्यान रखा गया है: केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे

आत्मनिर्भर भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले बजट का हम स्वागत करते हैं। समाज के प्रत्येक तबके किसानों, युवाओं, महिलाओं के लिए एक प्रगतिशील बजट प्रस्तुत करने के लिए मैं प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं। MSP और किसानों की आय को दो गुना करने के लक्ष्य को ये बजट पूरा करेगी। भारत के युवाओं को 60 लाख नौकरियां मिलेगी जिससे उन्हें आगे बढ़ने में सहायता होगी। इस बजट में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) और उनके उन्नयन के लिए मिशन शक्ति के साथ-साथ अनेक कार्यक्रम प्रारंभ करने का प्रावधान है। राज्यों को 50 वर्षों तक बिना ब्याज के ऋण की सुविधा देने का प्रावधान व वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की गई है: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

इनोवेशन, रिसर्च, स्टार्टअप को महत्व देते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ और निर्यात बढ़ाने को सोचकर नीतियां बनाई गई हैं। मुझे खुशी है कि नए राष्ट्रीय महामार्ग का निर्माण होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ने से रोजगार और नए भारत का निर्माण होगा: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

आज़ादी के 100वें वर्ष में नए भारत की आकांक्षाओं-आशाओं को पूरा करने का ब्लूप्रिंट है। 140 करोड़ भारतीयों के लिए हितकारी इस बजट के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व वित्तमंत्री श्री निर्मला सीतारमण जी का हार्दिक आभार। आज जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे में अमृतकाल का ये बजट समावेशी, सर्वस्पर्शी व जन-जन का बजट है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी द्वारा प्रस्तुत ये बजट आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने वाला है: सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर

किसके लिये ये बजट? सबसे अमीर 10% भारतीयों के पास देश की 75% संपत्ति है। निचले 60 फीसदी के पास 5 प्रतिशत से कम के मालिक हैं। अब जबकि बेरोजगारी, गरीबी और भूख बढ़ी है तो महामारी के दौरान सुपर मुनाफा कमाने वालों पर ज्यादा टैक्स क्यों नहीं लगाया जा रहा है?: सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी

बजट में पीएम मोदी के बड़े कारोबारी दोस्तों के हितों पर फोकस किया गया है। बजटीय प्रावधानों में बेरोजगारी और मुद्रास्फीति की समस्याओं के समाधान की ओर ध्यान नहीं दिया गया है। ये बजट सिर्फ असमानता को बढ़ायेगा और हमारी आबादी के सबसे बड़े हिस्से को कमजोर और उनके हाल पर यूं ही छोड़ देगा: कांग्रेस नेता गौरव गोगोई

हीरे इस सरकार के सबसे अच्छे दोस्त हैं। किसान, मध्यम वर्ग, दिहाड़ी कमाने वाले, बेरोजगार और बाकियों के लिये ये है पीएम (डू नॉट) केयर: टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन

ये बहुत ही प्रगतिशील बजट है, ये पिछले साल के बजट की निरंतरता में है। इस बजट से भारत की लंबे समय तक ग्रोथ होगी, इसकी खासियत ये है कि ये पूंजीगत व्यय पर फोकस करता है। पिछले साल 5.54 लाख करोड़ दिए गए थे इसे बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ कर दिया गया है। इस बजट ने शहरीकरण और MSME पर बहुत फोकस किया है, MSME की क्रेडिट गारंटी स्कीम को 4.5 लाख करोड़ से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ कर दिया गया है। पर्यटन क्षेत्र पर बहुत फोकस किया गया है: अमिताभ कांत, CEO नीति आयोग

बजट का कुछ न कुछ फायदा होता है लेकिन जितना दिखाया जाता है उतना फायदा नहीं होता, दिखाते ज़्यादा हैं और मिलता कम है। हमने कहा MSP गारंटी क़ानून बना दें, इस क़ानून से कम क़ीमत में फसलों की ख़रीद बंद होगी: किसान नेता राकेश टिकैत

मोदी सरकार का बजट जीरो! वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, युवा, किसान, एमएसएमई, गरीब और वंचितों के लिये इसमें कुछ नहीं: कांग्रेस नेता राहुल गांधी

देश का वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग महामारी, चौतरफा वेतन कटौती और बैक ब्रेकिंग मुद्रास्फीति के वक़्त में राहत की उम्मीद कर रहे था। डायरेक्ट टैक्स उपायों में वित्तमंत्री और पीएम ने उन्हें फिर से गहरी निराश दी है। ये देश के वेतन वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है: कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला

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