Union Budget 2022: गणेश पूजन और हलवा सेरेमनी का है बजट सत्र से पुराना नाता, जाने कैसे

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Union Budget 2022: बजट का दिन किसी भी वित्त मंत्री के लिये सबसे अहम दिन होता है, क्योंकि ये संसद में विपक्ष और जनता द्वारा इसे वित्त मंत्री की परफॉर्मेंस (Finance Minister’s Performance) से जोड़कर देखा जाता है। प्रत्येक वित्त मंत्री अपने बजट के दिन की शुरुआत नॉर्थ ब्लॉक के वित्त मंत्रालय के गलियारें में गणेश पूजा के साथ करते हैं, बजट पेश करने के लिये संसद जाने से पहले गणपति भगवान (Ganesh Pujan) को फूल चढ़ाते हैं।

वित्त मंत्रालय से जुड़े एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी ने ट्रैंडी न्यूज को बताया कि- ये हमारे वित्त मंत्रालय में अनकही और अलिखित प्रथा है, लेकिन हर वित्त मंत्री ने कई सालों से बिना किसी ऐतराज के इस प्रथा का पालन करता आया है, चाहे उनकी धार्मिक मान्यता (Religious Affiliation) कोई भी हो। हर साल बजट के दिन हम सभी वित्त मंत्री समेत इस प्रथा का पालन करते आये है। ये परम्परा ठीक वैसे ही है, जैसे कि बजट टीम दस्तावेज़ की छपाई शुरू होने से पहले हलवा समारोह (Halwa Ceremony) करती है।

वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के एक कर्मचारी ने कहा कि- मुझे याद नहीं है कि मै सर्विस के दौरान ‘साहबों’ (वित्त मंत्री और बजट टीम) के लिये गणेश पूजा के लिये फूल लाने के लिये कभी नहीं चूका। कोई भी वित्त मंत्री कभी भी गणेश जी को फूल चढ़ाये बिना संसद के लिये मंत्रालय नहीं निकलता। ये हमारा रिवाज है कि जब हम किसी अच्छी चीज की यात्रा शुरू करते हैं तो हम गणेश पूजा से शुरू करते हैं, जैसे शादी का कार्ड आपने देखा होगा।

वित्त राज्य मंत्री डॉक्टर भागवत कराड (Minister of State for Finance Dr. Bhagwat Karad) ने भी नॉर्थ ब्लॉक (North Block) जाने से पहले आज (1 जनवरी 2022) अपने घर पर गणेश पूजा के साथ अपने बजट के दिन की शुरुआत की तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निजी स्टाफ ने भी इस बात का खुलासा किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गणपति पूजन का बहुत आस्था रखती है खासतौर से बजट की घोषणा करने से पहले।

यूपीए सरकार (UPA Government) के दौरान तत्कालीन वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) के बारे में जब शर्मिष्ठा मुखर्जी (Sharmistha Mukherjee) से पूछा गया तो उन्होनें कहा कि- मुझे याद नहीं है कि बाबा ने बजट के दिन घर पर कोई खास पूजा की हो, लेकिन बाबा काफी धार्मिक थे और उन्होंने कभी भी सुबह की सैर और पूजा के बिना काम के लिये घर नहीं छोड़ा, लेकिन बजट के दिन कोई विशेष पूजा नहीं की।

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