Taliban: अफगानिस्तान के हालातों के लेकर अमेरिका कनाडा, जर्मनी और नाटो देशों के सम्पर्क में

एजेसियां/न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने कनाडाई, जर्मन समकक्षों और नाटो प्रमुख के साथ अफगानिस्तान में दूतावास के कर्मचारियों की सकुशल वापसी की योजना पर फोन वार्ता की। तालिबान (Taliban) पिछले कई हफ्तों में अपने पांव लगातार पसार रहा है। सबसे बड़े शहर कंधार समेत उसने कई शहरों और प्रमुख प्रांतीय राजधानियों पर कामयाबी के साथ कब़्जा हासिल कर लिया है।

तालिबान के आक्रामक रवैये के पीछे दोहा में अंतर-अफगान वार्ता (Intra-Afghan talks in Doha) का ठप्प होना अहम कारण बताया जा रहा है। दूसरी ओर अफगान सरकार ने सीधे तौर पर तालिबान के सामने घुटने टेक दिये है। अफगानी सरकार ने तालिबान को सत्ता में भागीदारी और समानांतर प्रशासन व्यवस्था चलाने की निमंत्रण दिया है। माना जा रहा है कि अगर ये निमंत्रण अमली जामा पहनता है तो इससे दक्षिण और मध्य पूर्व एशिया में आंतकवाद को पनपे का पूरा मौका मिलेगा।

मौजूदा हालातों पर अमेरिकी विदेश विभाग ने बीते गुरुवार को बयान जारी कहा कि, राज्य सचिव एंटनी जे. ब्लिंकन ने कनाडा के विदेश मंत्री गार्नेउ, जर्मन विदेश मंत्री मास और नाटो महासचिव स्टोलटेनबर्ग (NATO Secretary General Stoltenberg) के साथ बात की, ताकि तालिबान के बढ़ते प्रभाव के बीच काबुल से अमेरिकी नागरिकों और नाटो देशों के लोगों को निकाला जा सके। इस बातचीत के दौरान सभी हितधारकों (Stakeholders) ने विस्तृत योजना के ढांचे पर चर्चा की।

ब्लिंकन ने अफगान सरकार के साथ राजनयिक और सुरक्षा संबंध बनाये रखने, अफगानिस्तान हिंसा को रोकने और राजनीतिक समाधान खोजने के लिये सहयोगियों के साथ काम करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता फिर से एक बार दोहरायी। हाल ही में पेंटागन ने बीते गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि वाशिंगटन 31 अगस्त तक अफगानिस्तान में राजनयिक की मौजूदगी कम करने के पक्ष में है। अफगानिस्तान से डिप्लौमेट्स, अमेरिकी नागरिकों और नाटो देशों के लोगों को सकुशल निकाला जा सके इसके लिये 3,000 अमेरिकी सैनिकों को काबुल में अस्थायी तौर पर तैनात किया जायेगा।

इससे पहले गुरुवार को ब्लिंकन और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन (US Secretary of Defence Lloyd Austin) ने अफगान राष्ट्रपति गनी के साथ बातचीत की और देश के मौजूदा सुरक्षा हालातों और काबुल में अमेरिका के नागरिकों की सकुशल वापसी को लेकर योजना पर चर्चा की। इस मौके पर ब्लिंकन ने फिर से पुष्टि की कि अमेरिका संघर्ष और राजनयिक समाधान के लिये अफगान लोगों के साथ स्थायी साझेदारी का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस मुद्दे पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि, राज्य सचिव एंटनी जे ब्लिंकन (Secretary of State Antony J. Blinken) और रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन III ने इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ बात की ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि तालिबान द्वारा हिंसा का सामना करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता को लेकर पूरी तरह आस्थावान है।

गौरतलब है कि सुरक्षा हालातों के मद्देनज़र अफगानिस्तान के विभिन्न इलाकों से अमेरिकी नागरिकों को निकालकर काबुल लाया जायेगा, जहां से उन्हें विशेष फ्लाइट की मदद से निकाला जायेगा। इस काम में तेजी लाने के लिये अमेरिकी स्पेशल इमीग्रेशन वीज़ा (Special Immigration Visa) देने में काफी तेजी बरत रहा है।

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