शरिया कानूनों के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हाथ मिलाने को तैयार Taliban

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): तालिबान (Taliban) ने हाल ही में कहा कि वो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ जुड़ाव के लिये तैयार है, लेकिन अगर वो इस्लाम के खिलाफ हैं तो ये मंजूर नहीं हैं। उप और सदाचार के कार्यवाहक मंत्री मोहम्मद खालिद हनफ़ी (Mohd Khalid Hanafi) ने कहा कि, “हम अपने कानून के कार्यान्वयन में सिर्फ अल्लाह, पैगंबर मोहम्मद, रशीदुन के खलीफा और साथियों का अनुसरण करते हैं। हम किसी से कुछ भी मंजूर नहीं करते हैं जो इस्लाम के खिलाफ है।”

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, हनफी ने गजनी का दौरा करते हुए तालिबान पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों की निंदा की। उप और सदाचार मंत्री ने सरकारी कर्मचारियों से शरिया के आधार पर अपनी मौजूदगी को एडजस्ट करने की भी बात कही। उन्होनें कहा कि- “सभी कर्मचारी जो प्रांतों, जिलों और मंत्रालयों में हैं, उन्हें इस्लामी मूल्यों के मुताबिक अपनी मौजूदगी दर्ज करनी चाहिये” उन्होंने आगे कहा कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद महिलाएं हिजाब का “100 फीसदी” पालन कर रही हैं।

इसके अलावा जिनेवा (Geneva) में संयुक्त राष्ट्र मिशन (United Nations Mission) ने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) की ताजातरीन रिपोर्ट तालिबान द्वारा “मानव अधिकारों के उल्लंघन करने वाले पैटर्न” का खुलासा करती है।

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने तालिबान के कब़्जे के बाद से 10 महीनों में अफगानिस्तान में फैले मानवाधिकार के हालातों पर रौशनी डालते हुए एक रिपोर्ट जारी की। मिशन ने कहा कि रिपोर्ट में तालिबान के मानवाधिकारों के उल्लंघन का खुलासा किया गया है, लेकिन ये रिपोर्ट मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा डेटा पेश करने में नाकाम रही है। पिछले साल अगस्त से मानवाधिकार के हालात के बिगड़ने की पूरी गुंजाइश को पूरी तरह से नहीं दर्शाता है।

संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि रिपोर्ट में ये साफतौर पर देखा जा सकता है कि अफगानिस्तान में यातना, दुर्व्यवहार, गैरकानूनी हत्यायें, मनमाने ढंग से गिरफ्तारी, नजरबंदी और जबरदस्त विस्थापन हो रहा है। इस बीच प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद इशाक अखुंदजादा (Mohd Ishaq Akhundzada) ने तालिबान की सेनाओं से लोगों का सम्मान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा जो लोग चौकियों पर खड़े हैं, जिला कार्यालय या किसी अन्य विभाग में हैं, उन्हें लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहिये।

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