ग्राउंड रिपोर्ट: Bathinda मिलिट्री स्टेशन किले की हुई मजबूत किलेबंदी, पंजाब पुलिस ने जताया अंदरूनी लोगों पर शक

न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): Bathinda Military Station: भारी बैरिकेड्स वाले फाटकों, सीमित एन्ट्री प्वाइंट्स और चारदीवारी पर हर कुछ मीटर की दूरी पर लगे सीसीटीवी कैमरों के बीच तैनात खड़े सैनिकों के साथ बठिंडा मिलिट्री स्टेशन की सुरक्षा बड़े पैमाने पर चाकचौबंद कर दी गयी है। बीते बुधवार (12 अप्रैल 2023) सुबह 80 मीडियम रेजीमेंट के चार जवानों की हत्या आर्मी रायफल (Army Rifle) से की गयी थी। मारे गये जवान दो कमरों में सो रहे थे। इस बीच एक चश्मदीद ने दावा किया कि उसने दो नकाबपोश लोगों को कुर्ता-पायजामा पहने हाथों में राइफल और कुल्हाड़ी लिये हुए देखा था। हालांकि पंजाब पुलिस इस तरह के दावे पर शक जता रही है।

बठिंडा मिलिट्री स्टेशन के अंदर सुरक्षा के लिहाज से भारी किलेबंदी जैसे हालात बने हुए है। बैरिकेड्स राष्ट्रीय राजमार्ग के एक अलग ही हिस्से को ज़ाहिर करते है, जो कि सैन्य स्टेशन को मुख्य सड़क से अलग करते है। फ्लाईओवर पर स्लिप रोड, जो कि सीधे मिलिट्री स्टेशन के एन्ट्री प्वाइंट्स के सामने से गुजरते है, उन पर बैरिकेड्स लगाये गये है। इस वज़ह से इस रास्ते पर किसी भी वाहन की अनुमति नहीं होती है।

हाईवे के एक तरफ मिलिट्री स्टेशन की कंकरीट की चारदीवारी है, जिसके ऊपर कंसर्टिना तार लगे हैं। चारदीवारी के साथ-साथ नियमित अंतराल पर सैनिकों की ओर से निगरानी किये जाने वाले वॉचटावर लगाये गये है। राजमार्ग के दोनों बने मेन गेट पर भी भारी पहरेदारी हैं।

हाईवे के दूसरी तरफ मिलिट्री स्टेशन पर कोई कंक्रीट की चारदीवारी नहीं है और बठिंडा शहर में सड़क से लगी लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर धातु की बाड़ लगी हुई है। ये हिस्सा वनस्पति और पेड़ पौधों वाला जंगली इलाका है।

ये दूरी नियमित अंतराल के साथ सीसीटीवी कैमरों और फ्लडलाइट्स से घिरी हुई है। यहां भी हर कुछ सौ मीटर की दूरी पर बाउंड्री फेंस पर तैनात जवान है। ये देखना मुश्किल नहीं है कि हर गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जो कि वाहनों और पैदल चल रहे लोगों की एन्ट्री और एग्जिट की रिकॉर्डिंग कर रहे हैं। चेन लिंक बाड़ में भी हर कुछ मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं।

सड़क के इस किनारे पर बाड़ के साथ चलने वाले वाहनों के लिये एक गश्ती ट्रैक भी है और जैसे-जैसे शहर करीब आता है, स्टेशन में सेना की इकाइयों की इमारतें चारदीवारी और बाड़ के करीब आती दिखायी देती हैं। जगह जगह साइनबोर्ड लगाये गये है, जो कि चेतावनी देते हैं कि फोटोग्राफी इलाके में प्रतिबंधित है। इस इलाके में में ड्रोन नहीं उड़ाये जा सकते हैं।

हालांकि दिन के दौरान और देर शाम सैन्य स्टेशन के आसपास के इलाकों में ड्रोन निगरानी करते देखे गये। कई सैनिकों को ओवर ब्रिज के ऊपर तैनात खड़ा देखा गया, जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैन्य स्टेशन के दोनों किनारों को जोड़ता है।

बठिंडा पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सीसीटीवी कैमरों से हासिल फुटेज में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है। उन्हें पूरा यकीन है कि जिसने भी हत्या की है वो अभी भी मिलिट्री स्टेशन के अंदर है और उसने छावनी को छोड़ा नहीं है।

इससे ये बात ज़ाहिर होती है कि सैन्य थाने के आसपास के इलाके में पुलिस की कोई गतिविधि नहीं है। उस इलाके में न तो कोई पुलिस वैन गश्त कर रही है, और ना ही किसी संदिग्ध की तलाश कर रही है। और साथ ही आस-पड़ोस के निवासियों से किसी तरह की कोई पूछताछ भी नहीं जा रही है।

नाम ना बताने की शर्त पर बठिंडा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने Trendy News Network को बताया कि- “जिस राइफल का इस्तेमाल जवानों को मारने के लिये किया गया था, वो ऑफिसर्स मेस के पास से चुरायी गई थी, जहाँ हत्या की गयी थी। ये (घटना में इस्तेमाल इंसास राइफल) घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर एक खाई में फेंकी हुई मिली थी। ये अहम महत्वपूर्ण तथ्य है। इसका मतलब है कि जो कोई भी मेस के आसपास रहता है, वो वारदात में शामिल हो सकता है। हम सेना के साथ मिलकर सभी एंगल से जांच कर रहे हैं।”

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