Congress अध्यक्ष के पद के लिये अशोक गहलोत का नाम आगे बढ़ा सकती हैं सोनिया गांधी

नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के अध्यक्ष के चुनाव की उलटी गिनती के बीच मुख्य उम्मीदवार के नाम को लेकर अभी भी पशोपेश की स्थिति बनी हुई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को सलाह दी है कि अगर उनके बेटे और पार्टी नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस पद के लिये इनकार करते हैं तो अन्य विकल्पों पर गौर किया जाये। वरिष्ठ नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि गांधी परिवार के अलावा कोई भी पार्टी को एक साथ नहीं रख सकता, पार्टी बिखर जायेगी और साल 2024 के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को कमान सौंपी जानी चाहिये।

सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नाम की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर गांधी परिवार से कोई नहीं बनता है तो गहलोत को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिये, उन्होंने बीते मंगलवार (23 अगस्त 2022) को दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में भी गहलोत से ये बात कही इस बीच अशोक गहलोत ने उनके कांग्रेस पार्टी के अगले अध्यक्ष होने की अफवाहों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मीडिया से ही ये खबर सुनी है और इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

राजस्थान (Rajasthan) के सीएम ने कहा कि, “मुझे इस बारे में पता नहीं है। मैं उन कर्तव्यों को पूरा कर रहा हूं जो मुझे पार्टी आलाकमान द्वारा सौंपे गये हैं।”

राहुल और प्रियंका गांधी दोनों सोनिया गांधी के चेक-अप के लिये विदेश जा रहे हैं, इसलिए अभी भी मामला अटका हुआ है। अगले कुछ दिनों में राष्ट्रपति पद के लिये चुनावी तारीख का ऐलान किया जायेगा। अध्यक्ष पद की दौड़ में गांधी परिवार पहले, उसके बाद मुकुल वासनिक, वेणुगोपाल, कुमारी शैलजा, मलिकार्जुन खड़गे और भूपेश बघेल (Malikarjun Kharge and Bhupesh Baghel) समेत कई नाम चर्चा में शामिल हैं।

कांग्रेस पार्टी ने 20 अगस्त तक आंतरिक चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली है। पार्टी ने ऐलान किया था कि अध्यक्ष पद के लिये चुनाव 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच होगा लेकिन कई कोशिशों के बावजूद राहुल गांधी ने अब तक रूख़ साफ नहीं किया है।

इस बीच कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी की अगुवाई में 7 सितंबर को कन्याकुमारी (Kanyakumari) से ‘भारत जोड़ों यात्रा’ शुरू करने की योजना बना रही है और 148 दिवसीय मार्च का समापन कश्मीर में होगा। पांच महीने की यात्रा ये 3,500 किलोमीटर और 12 से ज़्यादा राज्यों की दूरी तय करने वाली है। पदयात्रा (मार्च) प्रतिदिन 25 किमी की दूरी तय करेगा। पदयात्रा में रैलियां और जनसभायें शामिल होंगी, जिसमें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

इस साल की शुरूआत में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। पद यात्रा कार्यक्रम को चुनावी लड़ाई के लिये पार्टी में दुबारा जान फूंकने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है।

इस बीच राहुल गांधी दिल्ली में नागरिक समाज के लोगों और संगठनों से मिलेंगे और उनके मुद्दों को सुनेंगे साथ ही अपने विचार भी साझा करेंगे। राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ों यात्रा और नागरिक समाज के लोगों के साथ इसके मकसद पर भी चर्चा करेंगे।

7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होने वाली अपनी भारत जोड़ों यात्रा से पहले राहुल गांधी नागरिक समाज के साथ मिलकर 2024 के आम चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे। राहुल गांधी भारत जोड़ों यात्रा से पहले समाज के विभिन्न वर्गों के लिये काम करने वाले संगठनों और व्यक्तियों से मिलने जा रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में अपेक्षित परिवर्तन के साथ ये मुमकिन है कि गैर-गांधी पार्टी में शीर्ष अध्यक्ष पद ग्रहण करेगा, जिससे कांग्रेस के कार्य मॉडल में सुधार हो सकता है।

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