Sidhu Moose Wala Murder: सिद्धू मूसे वाला के पिता ने की CBI और NIA जांच की मांग

न्यूज डेस्क (देवांगना प्रजापति): बीते रविवार (29 मई 2022) को गोली मारकर हत्या कर दिये गये पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला (Sidhu Moose Wala) के पिता बलकौर सिंह (Balkaur Singh) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को खत लिखकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने मामले पर कहा कि- हत्या में शामिल लोगों को किसी भी कीमत पर बख़्शा नहीं जायेगा। पंजाब पुलिस की कई टीमों को मामले का खुलासा करने के लिये लगा दिया गया है। हम पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़े है।

मानसा जिले (Mansa District) के जवाहरके गांव में अज्ञात हमलावरों द्वारा सिद्धू मूसे वाला की गोली मारकर हत्या करने के बाद पंजाब पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। मानसा पुलिस स्टेशन में सिटी-1 में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307 और 341 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 के तहत मामले को दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गयी।

खासतौर से सोशल मीडिया पर सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) सामने आया है, जिसमें सिद्धू मूसे वाला के गाड़ी के पीछे दो कारों को पीछा करते हुए देखा गया। जिसके बाद जब मानसा में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी। हालांकि राज्य पुलिस द्वारा अभी तक इस वीडियो की पुष्टि नहीं की गयी है।

कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बरार (Gangster Goldie Brar) ने बीते रविवार शाम एक फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) में मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी ली। गौरतलब है कि गोल्डी बरार गैंग लीडर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का करीबी सहयोगी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो गायक की हत्या में शामिल था। पंजाब पुलिस ने अब तक कहा है कि शुरूआती जांच में ये वारदात गिरोहों के बीच रंजिश और वर्चस्व (Rivalry And Domination) का नतीज़ा है।

बता दे कि ये वारदात पंजाब पुलिस द्वारा सिद्धू मूसे वाला समेत 424 लोगों की सुरक्षा वापस लेने के ठीक दो दिन बाद हुई। सिद्धू मूसे वाला ने इस साल के पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) में कांग्रेस के टिकट पर मानसा से चुनाव लड़े थे और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार विजय सिंगला (Vijay Singla) से हार गये थे। विजय सिंगला के स्वास्थ्य मंत्री का पद दिया गया था, हाल ही में पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के आरोप में उनकों मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था।

मामले पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की भी प्रतिक्रिया सामने आयी है, उन्होनें कहा कि- ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। पंजाब में घटनायें तेजी से बढ़ रही हैं। एक दिन पहले उनकी (सिद्धू मूसे वाला) सुरक्षा वापस ले ली गयी थी। एक तंत्र विकसित किया गया है और एक समिति व्यक्तियों के लिये सुरक्षा खतरे की समीक्षा करती है। उसी के आधार पर सुरक्षा दी जाती है। ये राजनीतिक फैसला नहीं होना चाहिये था। इस सरकार के बनने के 2 महीने के भीतर लोगों के हाथ में एके-47 चिंता का विषय है। हमने हिमाचल में खालिस्तान समर्थक नारे और प्रतीक लगाये जाने की घटनाओं के सिलसिले में पंजाब से आरोपियों को पकड़ा है, जबकि पंजाब को ये कार्रवाई करनी चाहिये थी, लेकिन ये हमारी पुलिस थी जिसने इस काम को अंजाम दिया।

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