Sanjeev Jeeva Murder: शार्पशूटर विजय यादव को मिली थी 20 लाख की सुपारी, मर्डर के मकसद का हुआ खुलासा

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Sanjeev Jeeva Murder: गैंगस्टर संजीव जीवा का कथित शार्पशूटर विजय यादव (Sharpshooter Vijay Yadav) इस मर्डर से कुछ दिन पहले नेपाल (Nepal) गया था। उसने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि वो एक माफिया के संपर्क में था। उस शख़्स ने उसे जीवा की तस्वीर दिखायी थी और उसकी हत्या के लिये 20 लाख रुपये की सुपारी देने का वादा किया था। उसने उसे गोली मारने के लिये 5000 रुपये और एक रिवॉल्वर मुहैया करवायी।

शूटर विजय ने मारे गये गैंगस्टर अतीक अहमद (Gangster Atiq Ahmed) के दोस्त अशरफ से नेपाल में मुलाकात की थी। अशरफ ने विजय से 20 लाख रुपये के लिये जीवा का मर्डर करने को कहा था। वो जीवा को खत्म करना चाहता था क्योंकि वो कथित तौर पर लखनऊ जेल में बंद अतीफ को परेशान करता था। अशरफ के गुर्गे विजय को रसद पहुंचाने में मदद करते हैं। फिलहाल यूपी पुलिस (UP Police) उसके अपराधिक इतिहास की कुंडली खंगाल रही है।

वहीं, यूपी पुलिस ने लापरवाही बरतने के आरोप में चार हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। इन लोगों को कोर्ट गेट पर तैनात किया गया था और यहीं लोग कोर्ट की सुरक्षा के लिये जिम्मेदार थे। जानकारों का मानना है कि अगर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया जाता तो वो जिंदा होता।

जीवा माहेश्वरी 50 साल का था। हमलावर विजय यादव और उसके साथी वकील की ड्रेस में कोर्ट में आये और रिवाल्वर से उसे छह गोलियां मार दीं। जीवा को मुख्तार अंसारी का काफी करीबी माना जाता था। खास बात ये है कि

ये प्रकरण माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की अस्पताल के बाहर कैमरे के सामने हत्या किये जाने के कुछ हफ्तों बाद सामने आया है। जीवा को पीछे से गोली मारी गयी थी। वहां मौजूद वकीलों ने हमलावर को धरबदबोचा। वारदात में दो पुलिसकर्मी, एक बच्ची और उसकी मां भी जख़्मी हुई हैं।

कृष्णानंद राय हत्याकांड (Krishnanand Rai murder case) में संजीव जीवा का नाम सबके सामने आया था। उसका जन्म यूपी के शामली जिले (Shamli District) में हुआ था। उसने 1990 के दशक में जुर्म की दुनिया में अपना कदम रखा। अपराधी बनने से पहले वो एक डॉक्टर के यहां कम्पउंडर का काम किया करता था। जीवा को साल 1997 में ब्रम्हा दत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

वो जबरन वसूली और जमीन हड़पने के मामले में कई मामलों में शामिल रहा था। उनकी पत्नी पायल ने राजद के टिकट पर साल 2017 का यूपी चुनाव लड़ा लेकिन वो हार गयी।

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