SCO Summit: पीएम मोदी ने इशारों ही इशारों में चीन और पाकिस्तान पर साधा निशाना

न्यूज़ डेस्क (गौरांग यदुवंशी): आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एससीओ समिट (Shanghai Cooperation Organisation, SCO Summit) की वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया। इस वर्चुअल समिट के दौरान उनके साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाक पीएम इमरान खान शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गनाइजेशन के दूसरे बड़े नेता भी जुड़े। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने अहम मुद्दों को उठाया। जिसमें संयुक्त राष्ट्र में कई बड़े बदलावों की पैरवी भी उन्होनें की। इस दौरान उन्हें क्षेत्रीय अखंडता और सीमाई संप्रभुता (Border sovereignty) का उल्लंघन करने के लेकर चीन पर निशाना साधा। ठीक इसी तरह आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान को भी आड़े हाथों लिया। इस्लामाबाद का अप्रत्यक्ष रूप से घेराव करते हुए पीएम मोदी ने एससीओ के मंच पर द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के लिए इमरान खान सरकार को इशारों में घेरा। जिससे कि एससीओ चार्टर (SCO Charter) और शंघाई भावना खंडित होती है। साथ ही बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आश्वासन दिया कि कोरोनाकाल के दौरान भारत अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर दुनिया की मदद के लिए हमेशा तैयार रहेगा।

SCO Summit की वर्चुअल समिट के दौरान पीएम मोदी ने कही ये अहम बातें

  • भारत का मानना है कि कनेक्टिविटी को और अधिक गहरा करने के लिए यह आवश्यक है की एक दूसरे की संप्रभुता और टेरिटोरियल इंटीग्रिटी (Territorial Integrity) के सम्मान के मूल सिद्धातों के साथ आगे बढ़ा जाए।
  • परन्तु, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि SCO agenda में बार-बार अनावश्यक रूप से  द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयास हो रहे हैं, जो SCO Charter और Shanghai Spirit का उल्लंघन करते हैं। इस तरह के प्रयास SCO को परिभाषित करने वाली सर्वसम्मति और सहयोग की भावना के विपरीत हैं।
  • United Nations ने अपने 75 years पूरे किए हैं। लेकिन अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है। महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि UN की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आए।
  • एक ‘reformed multilateralism” जो आज की वैश्विक वास्तविकताओं को दर्शाए, जो सभी stakeholders की अपेक्षाओं, समकालीन चुनौतियों, और मानव कल्याण जैसे विषयों पर चर्चा करे। इस प्रयास में हमें SCO सदस्य राष्ट्रों का पूर्ण समर्थन मिलने की अपेक्षा है।
  • अभूतपूर्व महामारी के इस अत्यंत कठिन समय में भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं भेजी हैं। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत अपनी वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में पूरी मानवता की मदद करने के लिए करेगा।
  • भारत का शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर दृढ़ विश्वास है। और हमने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering) के विरोध में आवाज उठाई है। भारत SCO Charter में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार SCO के तहत काम करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहा है।.
  • SCO क्षेत्र से भारत का घनिष्ठ, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध रहा है। हमारे पूर्वजों ने इस साझा विरासत को अपने अथक और निरंतर संपर्कों से जीवंत रखा।

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