Kanwar Yatra 2023: कांवड़ यात्रा वाले रूटों पर बैन रहेगी मांस की बिक्री, यूपी सरकार ने जारी किये दिशा-निर्देश

न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): कांवड़ यात्रा 2023 (Kanwar Yatra 2023)  की तारीखों से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने ये सुनिश्चित करने के लिये कई दिशानिर्देश जारी करने का फैसला लिया है कि कांवड़ मार्ग साफ रहें और सभी कवाड़ियों के लिये पहुंच आसान हो।

यूपी सरकार (UP Government) ने आज (28 जून 2023) सुबह ऐलान किया कि वो इस साल 4 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिये रिजर्व रास्तों पर खुले में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक करने के बाद ये फैसला लिया गया।

इस मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि- “इस साल अधिमास (अतिरिक्त माह) की वज़ह से श्रावण दो महीने की अवधि का है। इस दौरान श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन (Nagpanchami and Raksha Bandhan) के त्यौहार मनाये जायेंगे। पारंपरिक कांवड़ यात्रा 4 जुलाई से शुरू होने वाले पवित्र श्रावण महीने में होगी। इससे पहले 29 जून को बकरीद (Bakrid) मनाई जायेगी। ये वक्त कानून-व्यवस्था की नज़रिये से काफी संवेदनशील है। इसलिये हमें लगातार सतर्क और सावधान रहना होगा।”

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि-“श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए, कांवड़ मार्ग पर खुले में मांस बेचने की मंजूरी नहीं दी जानी चाहिये। मार्ग साफ और स्वच्छ रहना चाहिये। स्ट्रीट लाइट की पुख़्ता व्यवस्था होनी चाहिए। चूंकि मौसम गर्म है, इसलिये पीने के पानी की भी व्यवस्था की जानी चाहिये।”

बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और गोताखोरों को भी तैनात करने को कहा। उन्होंने आदेश दिया कि कांवड़ शिविरों की स्थापना के लिये पहले से ही जगह चिह्नित कर ली जायें ताकि यातायात बाधित न हो।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कांवड़ यात्रा के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले डीजे और गानों ध्वनि स्तर निर्धारित मानकों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि, “कार्यक्रम के आयोजकों को कांवड़ शिविर लगाने की अनुमति दी जाये लेकिन ये भी सुनिश्चित करें कि सभी लोग नियमों और विनियमों का पालन करें।”

सीएम आदित्यनाथ ने ये भी निर्देश दिया कि धार्मिक जुलूसों में हथियारों का प्रदर्शन नहीं होना चाहिये। इसी मुद्दे पर उन्होनें कहा कि- “कुछ शरारती तत्व बेवजह दूसरे समुदाय के लोगों को भड़काने की कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर कड़ाई से नजर रखी जाये। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाये। पुलिस बल हर शाम पैदल गश्त करे। पीआरवी 112 सक्रिय रहे और अराजक तत्वों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।”

बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी गौर किया कि रमजान (Ramadan) के दौरान धार्मिक गतिविधियों की वज़ह से यातायात प्रभावित नहीं हुआ। इस पर उन्होनें कहा कि-“इस प्रयास की पूरे देश में तारीफ हुई है। इस बार बकरीद और मुहर्रम (Bakrid and Muharram) के मौके पर हमें यही व्यवस्था लागू करनी होगी। स्थानीय प्रशासन की ओर से इस संबंध में संबंधित धर्मगुरुओं/बुद्धिजीवियों से बातचीत की जानी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि बकरीद पर कुर्बानी के लिये जगह पहले से ही चिह्नित करने के भी निर्देश दिये। इस पर उन्होनें कहा कि- “पहले से चिह्नित जगह के अलावा कहीं और कुर्बानी न की जाये। हर हाल में ये सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी न हो। हर जिले में कुर्बानी के बाद निकलने वाले कचरे के व्यवस्थित निस्तारण की कार्ययोजना लागू होनी चाहिए।”

पिछले साल श्रावण (Shravan) के दौरान भगवान शिव (Lord Shiva) के लगभग एक करोड़ भक्तों ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple of Varanasi) में पूजा की, और पवित्र महीने के दौरान हर सोमवार को लगभग छह लाख लोगों ने मंदिर में दर्शन किये। इसी तथ्य के मद्देनज़र उन्होनें कहा कि- “इस साल अधिमास की वज़ह से देश भर से उत्तर प्रदेश में आने वाले भक्तों की तादाद में और इज़ाफा होने की संभव है।”

बयान में आगे कहा गया है कि वाराणसी के साथ-साथ अयोध्या और सीतापुर (Ayodhya and Sitapur) में भी स्थानीय प्रशासन को मंदिर प्रशासन के साथ समन्वय करके एक व्यवस्थित कार्य योजना बनानी चाहिये।

सीएम ने गेमिंग/चैटिंग ऐप्स के जरिये बच्चों के धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर भी अधिकारियों को निर्देश दिये। इस बात को लेकर आदित्यनाथ ने कहा कि- “हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों में अवैध धर्म परिवर्तन की वारदातें सामने आयी हैं। हम गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग/चैटिंग ऐप्स के जरिये किशोर बच्चों के धर्म परिवर्तन की वारदात से वाक़िफ हैं। ऐसे असामाजिक तत्वों पर नियंत्रण लगाना बहुत जरूरी है।”

उन्होंने आगे कहा कि अवैध धर्म परिवर्तन की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि, “ये सिंडिकेट विकलांग बच्चों और नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं पर नजर रखता है। धर्म परिवर्तन के लिये पैसों का लालच दिया जा रहा हैं। अवैध धर्म परिवर्तन के इस पूरे सिंडिकेट को खत्म करने की जरूरत है। ऐसी किसी भी गतिविधि के खिलाफ फौरी कार्रवाई की जानी चाहिये।”

आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि पुलिस स्टेशनों, सर्कल, जिला, रेंज, जोन और डिवीजन स्तरों पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने इलाकों के धार्मिक नेताओं और समाज के अन्य प्रतिष्ठित लोगों के साथ संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, “लोगों के लिये सकारात्मक संदेश जारी करना बेहद जरूरी है। शांति समिति की बैठक करें। मीडिया का सहयोग लें, ताकि सूबे में शांति और सद्भाव का माहौल बना रहे।”

सीएम ने ये भी कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के वादे को पूरा करने में ‘सेफ सिटी प्रोजेक्ट’ बेहद कारगर साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि, ”अगले तीन महीनों के भीतर हमें सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) जिला मुख्यालयों को सुरक्षित शहरों के तौर पर विकसित करना होगा।”

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