मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा AAP को बना पायेगा पाक साफ?

भ्रष्टाचार के विरोध के नाम पर बनी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP-Aam Aadmi Party) के दो वरिष्ठ नेता फिलहाल भ्रष्टाचार के आरोप में सलाखों के पीछे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के दो पूर्व मंत्रियों सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया (Satyendra Jain and Manish Sisodia) ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।

इन दोनों बड़े नेताओं के इस्तीफे के बाद आप जनता के सामने क्या रुख अपनायेगी, ये सोचने वाली बात है? ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप कहती है कि वो भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी है और इस्तीफा पार्टी के सिद्धांतों के चलते स्वीकार किया गया है तो ये दावा पूरी तरह से गलत होगा। हम आपको बताते हैं इसकी वजह।

सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया। उन पर शराब नीति ‘घोटाले’ में शामिल होने का आरोप है। लेकिन उन्होंने दो दिन बाद 28 फरवरी को इस्तीफा दे दिया। आप के एक अन्य वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन को पिछले साल 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। 27 फरवरी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था। लेकिन मंगलवार को उनका भी इस्तीफा मंजूर कर लिया गया।

इस्तीफे के कुछ ही मिनट बाद SC ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जो अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति (Excise Policy) मामले में सीबीआई (CBI) की हिरासत में है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ये एक ‘गलत मिसाल’ कायम करेगा और उसके लिये प्रभावी वैकल्पिक तरीके मौजूद हैं।

सिसोदिया के इस्तीफे को लेकर आप कह सकती है कि उन्होंने राजनीति के ऊंचे मानकों का पालन किया है। जनता के सामने ये दावा कर सकती है कि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, इसलिए उनका इस्तीफा लिया गया है। लेकिन करीब 9 महीने तक जैन से इस्तीफा नहीं लिया गया। ये जानना भी जरूरी है कि सिसोदिया दिल्ली सरकार से जुड़े कुल 33 विभागों में से 18 को संभाल रहे थे। जब जैन को गिरफ्तार किया गया तो जैन के सभी पोर्टफोलियो भी सिसोदिया को दे दिये गये।

गिरफ्तारी के बाद से आप जैन के साथ खड़ी रही। जैन के इस्तीफे को लेकर आप से पूछे गये हर सवाल का जवाब खामोशी से दिया गया। जनता के दबाव के बावजूद आप जैन के साथ खड़ी रही।

जैन को लेकर पार्टी का स्टैंड था कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। लेकिन शराब ‘घोटाले’ में सिसोदिया का नाम अचानक सामने आने के बाद आप ने अपना रुख बदल लिया। पार्टी ने दोनों मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया। अपने दोनों नेताओं को लेकर पार्टी स्टैंड अलग रहा है।

संस्थापक संपादक – अनुज गुप्ता

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