विशेषाधिकार हनन की शिकायतों पर राघव चड्ढा ने साधा BJP पर निशाना, कहा- बीजेपी मेरी आवाज दबाने की कर रही है कोशिश

नई दिल्ली (ओंकारनाथ द्विवेदी): आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने आज (10 अगस्त 2023) दिल्ली सेवा विधेयक से जुड़े एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के जाली साइन करने का आरोप लगाने के लिये भाजपा (BJP) पर निशाना साधा और कहा कि वो उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।

राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ (Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar) की ओर से उन चार सांसदों की शिकायतों को संज्ञान में लिये जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में चड्ढा पर नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना चयन समिति के गठन के लिये उनका नाम प्रस्तावित करने का आरोप लगाया, इस मामले की जांच और छानबीन करने के लिये विशेषाधिकार समिति को प्रस्ताव भेजा गया था। आदमी पार्टी (आप) नेता ने कहा कि वो इस मामले पर पैनल और अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान ये भी कहा कि ये गलत प्रचार किया जा रहा है कि राज्यसभा में प्रवर समिति के सदस्यों के नामांकन के लिये हस्ताक्षर और लिखित सहमति की जरूरत होती है। चड्ढा (Aam Aadmi Party’s Rajya Sabha MP Raghav Chadha) ने कहा कि, “मैं उन भाजपा लोकसभा सदस्यों के खिलाफ विशेषाधिकार समिति और अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा जिन्होंने मेरे खिलाफ जालसाजी का झूठा आरोप लगाया।”

राघव चड्ढा ने कहा कि- “जब भी विशेषाधिकार समिति किसी के खिलाफ कार्यवाही शुरू करती है, तो वो सार्वजनिक बयान नहीं देते हैं। लेकिन मजबूरी की वज़ह से मुझे बोलना पड़ता है। लेकिन मैं माननीय अध्यक्ष या विशेषाधिकार समिति के खिलाफ नहीं बोलूंगा।”

चड्ढा ने आगे कहा कि, “मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि वो उन कागजातों को दिखाये जिनमें जाली साइन हैं, जैसा कि उन्होंने आरोप लगाया है। मेरे खिलाफ शिकायतों पर संसदीय बुलेटिन में जालसाजी, नकली हस्ताक्षर का कोई जिक्र नहीं है।” उन्होंने आगे दावा किया कि भाजपा उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।

बता दे कि राज्यसभा के एक बुलेटिन में कहा गया है कि सभापति को सांसद सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन (M Thambidurai and Narhari Amin) से शिकायतें मिली हैं, जिन्होंने चड्ढा पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है, जिसमें 7 अगस्त को एक प्रस्ताव में कार्य की प्रक्रिया और संचालन में कई बातों के साथ-साथ नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना उनके नाम शामिल किये गये हैं।

चड्ढा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर विचार करने के लिये एक चयन समिति के गठन का प्रस्ताव रखा था और इसमें चार सांसदों के नाम शामिल थे।

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